नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी से बगावत करने वाले चिराग पासवान के चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Paras) को सर्वसम्मति से लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता चुना गया है। इसका फैसला आज हुई मीटिंग में लिया गया है। बात दें कि चिराग के चाचा पशुपति समेत पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी है । यही नहीं, आज दोपहर करीब 3 बजे पशुपति कुमार पारस समेत पार्टी के बागी पांचों सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात करेगें ।
पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है
इससे पहले पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हमारी पार्टी में कुल 6 सांसद हैं, जिसमें 5 सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, इसलिए पार्टी को बचाया जाए। साथ ही मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं है बल्कि बचाया है। वहीं, उन्होंने कहा कि चिराग पासवान से मुझे कोई शिकायत और कोई आपत्ति नहीं है। वे पार्टी में रहें।
वहीं, उन्होंने कहा कि मैं अकेला महसूस कर रहा हूं और पार्टी की बागडोर जिनके हांथ में गई वह पार्टी के 99 फीसदी कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस वजह से हमने ये कदम उठाया है।
Pashupati Paras: के पक्ष में MP महबूब अली कैसर और वीणा देवी ने दिया बड़ा बयान
इस बीच एलजेपी सांसद महबूब अली कैसर और वीणा देवी पशुपति के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान संवाद कायम नहीं करते हैं। यही नहीं, वह संवाद का कोई जरिया भी नहीं अपनाते हैं। जबकि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने का फैसला सही नहीं था। अगर चिराग पासवान हमारे साथ आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। वह बहुत अच्छे वक्ता हैं, लेकिन हमें सबसे बुरा तभी लगा जब उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा और मजबूरी में हमें यह कदम उठाना पड़ा है।
NDA के खिलाफ चुनाव लड़ना गलत था- MP वीणा देवी
वहीं, एलजेपी सांसद वीणा देवी ने कहा कि एनडीए के प्रति प्रतिबद्धता सिद्ध करने के लिए हमने यह कदम उठाया है. बिहार विधानसभा चुनाव में हमने एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा था जो कि बहुत गलत था. हम एनडीएक के साथ हैं और यही चीज साफ करने के लिए हम ने यह कदम उठाया है. एलजेपी जैसी थी वैसी ही है और आगे वैसे ही काम करती रहेगी.