नई दिल्ली: PM मोदी की रैली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। तृणमूल कांग्रेस जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आगे रख ‘जनता बंगाल की बेटी चाहती है’ का नारा बुलंद कर रही है, वहीं बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए अब तक कोई चेहरा नहीं है। इस बीच, स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर आई है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में होने जा रही पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल हो सकते हैं। चर्चा इस बात की भी है कि पीएम की उपस्थिति में गांगुली बीजेपी जॉइन कर सकते हैं।
PM मोदी की रैली: इससे पहले भी चर्चा उठ चुकी है
ऐसा पहली बार नहीं है जब सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें सामने आई हों। इससे पहले भी अनेक मौकों पर ये चर्चा उठ चुकी है। कई महीनों से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सौरव गांगुली को बीजेपी पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है। इन अटकलों के बीच पीएम मोदी की रैली में गांगुली की उपस्थिति पर सबकी खास निगाहें रहेंगी। गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के अन्य नेता हमेशा से ये कहते आ रहे हैं कि बंगाल का मुख्यमंत्री कोई बंगाली ही बनेगा, बाहरी नहीं।
पहले भी होती रही हैं चर्चाएं
गौरतलब है कि गत 24 फरवरी को गांगुली ने अहमदाबाद के मोटेरा में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के उद्धाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए मोदी सरकार की सराहना की थी। इससे पहले लगातार सौरव गांगुली खंडन कर चुके हैं कि उनकी बीजेपी में जाने की कोई योजना नहीं है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में सौरव गांगुली जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करने आए थे, उस समय भी उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगी थी।
जय शाह से गांगुली के अच्छे संबंध
अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई के सचिव जय शाह से सौरव गांगुली के बहुत अच्छे संबंध हैं। गांगुली की पत्नी डोना को कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान बीजेपी महिला मोर्चा के कार्यक्रम में परफॉर्म करते हुए देखा गया था। डोना गांगुली क्लासिकल डांसर हैं।
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राजनीति में न आने की सलाह
दूसरी ओर, सौरव गांगुली और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच भी घनिष्ठता है। टीएमसी गांगुली को राजनीति में न आने की सलाह दे चुकी हैं। वर्ष 2015 में ममता बनर्जी ने जगमोहन डालमिया का स्थान सौरव गांगुली को दिया था।