नई दिल्लीः देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सेवाओं पर लापरवाही के कई सवाल खड़े हो रहे है. इसी बीच अब प्रयागराज में भी एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. प्रयागराज में एक व्यक्ति को उसके पिता की डेड बॉडी दिए बिना ही मृत्यु प्रमाण पत्र हाथ में पकड़ा दिया गया. सर्टिफिकेट पाने के बाद पीड़ित बॉडी के लिए लगातार हॉस्पिटल के चक्कर काट रहा है।
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हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही
बता दें की मामला प्रयागराज के धूमनगंज इलाके का है जहाँ रहने वाले बच्चीलाल के पिता कोरोना संक्रमित हो गए थे. इस दौरान कई प्राइवेट हॉस्पिटल में जगह न होने के कारण उन्हें एडमिट नहीं किया जा सका. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।लॉकडाउन लगने की वजह से बच्चीलाल ने हॉस्पिटल पहुंच कर पिता को देखा तो वह अपने बेड पर नहीं थे. वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया की उन्हें बेड नंबर 37 से 9 पर शिफ्ट कर दिया गया है।
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वहीं जब 21 अप्रैल को उन्होंने फल भेजे तो अस्पताल की तरफ से कहा गया कि आपके पिता ने फल लेने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने पिता से मिलने की जिद की. इसी बीच 9 नंबर वाला पेशेंट सामने आ गया तो बच्ची लाल ने कहा ये मेरे पिताजी नहीं है. इसके बाद पूरे अस्पताल के चक्कर काटने पर भी उनके पिता नहीं मिले।
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थमा दिया डेथ सर्टिफिकेट
बच्ची लाल का आरोप है डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ द्वारा बुजुर्ग की मौत की खबर परिजनों को दिए बिना ही लावारिस तौर पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. हॉस्पिटल स्टाफ दिलासा देता रहा की जल्द ही उनके पिता को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। काफी पड़ताल करने के बाद बच्ची लाल को रजिस्टर द्वारा उनके पिता का डेथ सर्टिफिकेट दे दिया गया. लेकिन बच्चीलाल के पिता की डेडबॉडी कहां गयी इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. और इन सवालों का जवाब हॉस्पिटल प्रशासन के पास नहीं है।