जनतंत्र डेस्क, जयपुर: राजस्थान के दौसा में डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड मामले के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की सभी मांगे मान ली हैं। 29 मार्च को दौसा जिले के लालसोट में डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या करने के बाद से राज्य भर में डॉक्टर्स का विरोध जारी था।
6 दिन बाद डॉक्टरों ने आखिरकार हड़ताल खत्म कर दी है। इस दौरान काम का बहिष्कार भी किया गया। अब डॉक्टर्स की मांगों पर सरकार से सहमति बन गई है। आज यानी मंगलवार से राज्य के सभी अस्पतालों में इमरजेंसी, ओपीडी और आइपीडी शुरू हो जाएंगी। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी के पदाधिकारियों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है।
ये थी डॉक्टर्स की मांगे
कार्य बहिष्कार कर रहे डॉक्टरों की मांग थी कि डॉ. अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में बाकी बचे आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग के साथ साथ यह भी सुनिश्चित करने की मांग की गई थी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं दोहराई जाएं।
क्या था मामला
दरअसल, डॉ. अर्चना शर्मा के हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर अर्चना पर हत्या का मामला दर्ज करा दिया था। हत्या का मामला दर्ज होते ही 42 वर्षीय डॉक्टर अर्चना डिप्रेशन में आ गई और आत्महत्या कर जान दे दी। अर्चना शर्मा ने सुसाइड नोट भी छोड़ा था। इस घटना के बाद डॉक्टर्स एसोसिएशन में रोश की लहर आ गई थी।
इस मामले में पुलिस ने अब तक बीजेपी नेता समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन, मुख्य आरोपी बाल्य जोशी अभी भी फरार है, जिस पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित है। वहीं, लालसोट थानाधिकारी, डिप्टी एसपी को निलंबित कर दिया गया है और एसपी का तबादला किया गया है।
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