जनतंत्र डेस्क, Rajasthan: राजस्थान के अलवर में रूह कंपा देने वाली वारदात सामने आई है। यहां अलवर के तिजारा में एक मूक बधिर नाबालिग से निर्भया जैसी हैवानियत हुई है। दरिंदो ने गैंगरेप के बाद नाबालिग के प्राइवेट पार्ट में गहरे जख्म दिए हैं। ये वारदात 11 जनवरी की है जब नाबालिग के साथ गैंगरेप के बाद आरोपी उसे पुलिया पर फेंक के चले गए। गंभीर हालत में पीड़िता को जयपुर रेफर किया गया जहां पांस से आठ डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी है।
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इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़िता मूक बधिर है बोलने के साथ सुनने में भी दिक्कत है जिसके कारण आरोपियों के बारे में पुलिस कोई जानकारी नहीं जुटा पा रही। बुधवार को पीड़िता का ऑपरेशन हुआ। जिसके बाद मंत्री और अफसर अस्पताल में मिलने पहुंच रहे हैं। दो शब्द मा और पा के अलावा पीड़िता कुछ भी नहीं बोल पा रही। दर्द से तड़प रही बच्ची की हालत देखकर प्रशासन भी सहम गया। इशारों में नाबालिग से आरोपियों का हुलिया जानने की कोशिश हो रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि, पीड़िता के अंदरुनी और नाजुक अंगो पर कई गहरे घाव हैं। ब्लीडिंग ज्यादाहोने से उसे कई यूनिट खून चढ़ाया गया है। इस घटना के बाद सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। राजस्थान में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी समेत लगातार हमलावर हो रही है। इस जघन्य वारदात के बाद कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
पीड़िता के माता-पिता मजदूर
बताया जा रहा है नाबालिग के माता-पिता मजदूरी करते हैं उनके एक बेटा और बेटी और हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना उस वक्त हुई जब नाबालिग खेत के रास्ते सड़क तक पहुंच गई थी। जिसके बाद वापस नहीं लौटी। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित महिलाएं राजस्थान में हैं।
इस वारदात की जांच के लिए आईजी संजय क्षोत्रिय ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की टीम एसपी के निर्देशन में जांच कर रही है। SIT में एक एडिशनल एसपी, 3 डिप्टी एसपी और 6 सब इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं। खुद आईजी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। लेकिन सवाल बरकरार है क्या इस घटना के बाद प्रशासन भरोसा दिला सकता है कि अब कोई और निर्भया नहीं होगी और ऐसे दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।