प्रयागराज : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर लगते ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की इंटरमीडिएट 2021 में प्रमोट होने वालों की संख्या ने इतिहास रच दिया है। इतने परीक्षार्थी एक साथ इंटर में अब तक सफल नहीं हुए हैं। 2013 में कुल छात्र-छात्राओं का पंजीकरण इस बार से अधिक था और रिजल्ट भी सबसे अधिक 92.68 फीसद आया लेकिन, सफल होने वाले महज 23.62 लाख ही थे, जबकि इस बार प्रोन्नति पाने वालों की तादाद 26 लाख से अधिक है। जो 2013 की तुलना में करीब ढाई लाख ज्यादा है। इतना ही नहीं कोरोना महामारी के दौर में यूपी बोर्ड में इंटर का पंजीकरण भी पिछले वर्ष से अधिक रहा।
पहली लहर में भी नहीं हुआ असर
यूपी बोर्ड कोरोना संक्रमण की पहली लहर में भी रुका नहीं। विषम स्थिति में 2020 परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चरणवार कराकर 27 जून को रिजल्ट घोषित कर दिया था। पिछले वर्ष 2020 में इंटर में कुल 25 लाख 86 हजार 339 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। उनमें से 24 लाख 84 हजार 479 परीक्षार्थी इम्तिहान में शामिल हुए और 18 लाख 54 हजार 99 (74.63 फीसद) उत्तीर्ण हुए थे। इधर, इंटर का परीक्षा का परिणाम इसी संख्या के इर्द-गिर्द पिछले कुछ वर्षों से घूम रहा था।
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अब होंगी ये परेशानियां
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में प्रोन्नति पाने वालों को तो इंटर कालेजों में आसानी से प्रवेश मिल जाएगा लेकिन, इंटर में प्रोन्नत हुए छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में प्रवेश के लिए जूझना पड़ेगा। पिछले वर्षों तक कम परिणाम में भी सभी को प्रवेश नहीं मिल पाता था। इस बार तो सफल होने वाले सर्वाधिक होंगे, इसके लिए कालेजों को विषयवार सीटें बढ़ानी पड़ेंगी।