नई दिल्ली : दिल्ली दंगों की सुनवाई के दौरान पुलिस और सॉलिसिटर जनरल से तीखे सवाल करने वाले जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर अब राजनीतिक रूप ले चुका है, विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सीधे हमले कर रहा है, कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली हिंसा और जज ट्रांसफर पर केंद्र पर निशाना साधा, प्रियंका ने जस्टिस मुरलीधर Justice Muralidhar के ट्रांसफर को शर्मनाक कहा वहीं राहुल ने दिल्ली वालों से उकसावे के बीच संयम बरतने की अपील की।
Muralidhar के तबादले पर राहुल गांधी का ट्वीट
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा- दिल्ली में हुई हिंसा परेशान करनेवाली है और इसकी निंदा की जानी चाहिए, शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन हिंसा को किसी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता, मैं दिल्ली वालों से संयम बरतने और समझदारी दिखाने की अपील करता हूं, चाहे कितना ही क्यों नहीं उकसाया जाए, बहादुर जज लोया को याद करता हूं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ था, प्रियंका गांधी ने लिखा, ‘आधी रात को जज मुरलीधर Justice Muralidhar का ट्रांसफर वर्तमान वक्त में हैरान करनेवाला नहीं बल्कि दुख देनेवाला और शर्मनाक है। करोड़ों भारतीयों का न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। यह सरकार न्याय में बाधा डाल रही है, लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठा रही है जो दुखद है।
आखिर कौन हैं जस्टिस एस. मुरलीधर
जस्टिस एस. मुरलीधर ने साल 2003 में DU से PHD की डिग्री हासिल की ,2004 में ‘लॉ, पॉवर्टी एंड लीगल एड: एक्सेस टू क्रमिनिल जस्टिस’ लिखी थी, जस्टिस एस. मुरलीधर ने सितंबर 1984 में चेन्नई से वकालत की शुरू की थी, जस्टिस मुरलीधर ने 1987 में सुप्रीम और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की थी, साल 2006 में एस. मुरलीधर को दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया, एस. मुरलीधर 2 बार सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सक्रिय रहे हैं, राष्ट्रीय मानवाधिकार और भारतीय निर्वाचन आयोग के सलाहकार भी रहे, दिसंबर 2002 से मई 2006 तक मुरलीधर लॉ कमिशन के पार्ट टाइम सदस्य रहे, जस्टिस मुरलीधर को दिल्ली HC में 2006 में बतौर जज नियुक्त किया गया था, जस्टिस मुरलीधर का कार्यकाल 2023 में पूरा होगा, जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर के बारे में पहले भी 2 बार चर्चाएं हो चुकी हैं, सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों के विरोध के बाद इसे रोक दिया गया था, ट्रांसफर पर पहली बार दिसंबर 2018 में और जनवरी 2019 में चर्चा हुई थी।