मॉब लिंचिंग : महाभारत की ‘द्रौपदी’, बोलीं- लोग मुझे गाड़ी से उतार कर मार रहे थे
मॉब लिंचिंग का शिकार होने से बाल-बाल बची थीं महाभारत की ‘द्रौपदी’
महाराष्ट्र के पालघर में चोरी के शक में दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले को लेकर पूरा देश आक्रोशित है। इसे लेकर बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में द्रौपदी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रूपा गांगुली ने भी ट्वीट किया है। बंगाल से बीजेपी की राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली इसी के साथ अपने जीवन से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कभी वह भी मॉब लिंचिंग का शिकार होते बची थीं।
रुपा गांगुली का ट्वीट
पालघर की घटना निंदा करते हुए रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, “मुझे कुछ दिनों से याद आ रहा है कि 22 मई, 2016 को डायमंड हार्बर की घटना हुई थी. जिसमें 17 से 18 लोग पुलिस को साथ लेकर, मुझे गाड़ी से उतारकर रास्ते पर पटक-पटकर मार रहे थे. गाड़ी भी तोड़-फोड़ दी थी. सिर पर दो चोट भी झेलनी पड़ी थी. बस मैं मरी नहीं थी, रैली ड्राइवर हूं, निकलकर आ गई.” अपने ट्वीट के साथ-साथ रूपा गांगुली ने महाभारत में द्रौपदी चीर-हरण का वीडियो भी पोस्ट किया और लिखा, “हे कृष्ण, हे कृष्ण, हे कृष्ण.”
मुझे कुछ दीनो से याद आरहा है, 22मई 2016 diamond harbour का घटना 17/18 लोग, पुलिस को साथ लेकर, मुझे गाड़ी से उतारकर रास्ते पे पटक पटक कर मारे थे, गाड़ी तोर फ़ोर किये, दो Brain Haemorrhage झेलने पड़े। बस,मै मर नही गयी, rally driver हू, निकल कर आगयी
Feeling sad abt #WB & #Palghar— Roopa Ganguly (@RoopaSpeaks) April 20, 2020
100 से ज्यादा लोगों को किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि , पालघर (Palghar) घटना में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला गुरुवार का है, जहां रात 10 बजे के करीब खानवेल मार्ग पर नासिक की तरफ से आ रही गाड़ी में 3 लोग थे। बताया जा रहा है की पालघर में बच्चा चोरी होने की अफवाह जोरो पर है। गाँव वालों ने गाड़ी रोकी और फिर चोर होने की शक में पत्थरों से हमला कर दिया। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। मरनेवालों में से दो की पहचान साधुओं के रूप में हुई जबकि तीसरा उनका ड्राइवर था। वायरल वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है कि एक वृद्ध साधु बार बार एक पुलिस वाले के आड़े आकर बचने की कोशिश कर , पुलिस वाला बचने के बजाये उसे भीड़ के हवाले कर देता है। तीनों मृतक मुंबई के कांदिवली से सूरत अपने एक मित्र के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने जा रहे थे. इसमें 35 साल के सुशीलगिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी थे। जबकि 30 साल का निलेश तेलगड़े ड्राइवर था।