नई दिल्ली : देशभर में कोरोना जैसी फैलती बीमारी को रोकने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया हुआ हैं और इस लॉकडाउन के बीच हमारे फिल्मी दुनिया के 2 मशहूर अभिनेता बीते दिनों इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं वहीं आज एक और दुखद भरी खबर ये हैं कि भारत के मशहूर चित्रकार सतीश गुजराल हमारे बीच नहीं रहें आज उन्होंने दिल्ली में 94 वर्ष की उम्र में अपना दम तोड़ दिया।
बता दें कि गुजराल अपनी पेंटिंग्स और कलाकारी से जाने जाते थे गूजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार के (Indra Kumar Gujral) के छोटे भाई थे, सतीश गुजराल का जन्म 25 दिसंबर 1925 में ब्रिटिश इंडिया के झेलम में हुआ था उन्होनें अपने जीवन की शिक्षा लाहौर में स्तिथ मेयो स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़ाई की इस दौरान उन्होंने वहां चित्रकारी का अध्ययन किया उनके शुरुआती जीवन में उन्हें काफी संघर्ष देखने को मिला।
बता दें कि गुजराल को पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है और वह एक चित्रकार होने के साथ साथ भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार भी थे उनके कामों की तारीफ की जितनी की जाए उतनी कम है तो बता दें दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर लिखी अल्फाबेट से भित्तिचित्र शामिल हैं और उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया हुआ है।
गुजराल जी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था जब वह 8 साल के थे तो उनका पैर फिसलने की वजह से उनकी टांगे टूट गई थी और सिर में गुम चोट आने की वजह से उन्हें कम सुनाई देने लगा था इसके बाद लोग इन्हें गूंगा बहरा लंगड़ा समझने लगे वह चाह कर भी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके और उन्होंने पढ़ना भी चाहा तो उनका एडमिशन किसी भी स्कूल में नहीं हुआ।
एक दिन उन्होंने जब पक्षियों को पेड़ पर सोते हुए देखा तो उनके मन में चित्रकारी का ख्याल आया इसके बाद उन्होंने वर्ष 1939 में लाहौर में आर्ट ऑफ स्कूल में एडमिशन लिया वर्ष 1944 में वह मुंबई चले गए वहां जाकर उन्होंने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में एडमिशन लिया।।तभी से इनके जीवन का एक अच्छा दौर चालू हो गया।