जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: तीन साल से जेल में बंद सऊदी अरब की राजकुमारी बसमा बिंत सऊद को आखिरकार रिहा कर दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संगठन और राजकुमारी की रिहाई के लिए मुवमेंट चलाने वालों ने ये जानकारी दी। राजकुमारी बसमा बिंत सऊद के साथ साथ उनकी बेटी भी जेल में बंद थीं।
Afghanistan: दुकानों में लगे पुतलों की गर्दन क्यों काट रहा तालिबान ?
राजकुमारी बसमा बिंत सऊद को मार्च 2019 में उस वक्त हिरासत में लिया गया था जब वो इलाज के लिए स्विट्जरलैंड जाने की तैयारी कर रही थीं। गिरफ्तारी के वक्त राजकुमारी को कोई वजह नहीं बताई गई। वहीं, बसमा बिंत और उनकी बेटी सुहूद पर किसी तरह का आपराधिक मामला भी नहीं चलाया गया। जानकारों का कहना है, राजकुमारी की गिरफ्तारी शायद मानवीय मुद्दों और संवैधानिक सुधार को लेकर उनकी पैरवी करने के कारण की गई है। बसमा बिंत ने कई बार आलोचना की थी।
पूर्व क्राउन प्रिंस से नजदीकी भी वजह
राजकुमारी बसमा बिंत सऊद के समर्थकों का ये भी कहना है कि, उनकी गिरफ्तारी की वजह पूर्व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ़ के साथ उनके करीबी संबंध रहे हों। कहा ये भी जा रहा है कि नायेफ भी नजरबंद हैं। सऊदी अरब में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ALQST फॉर ह्यूमन राइट्स ने राजकुमारी के रिहा होने की जानकारी ट्विटर पर दी।
साल 2021 अप्रैल में 57 वर्षीय राजकुमारी बसमा ने सऊदी के किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उनको रिहा करने की गुजारिश की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उनका स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है। मानवाधिकार संगठन का कहना है कि, राजकुमारी को जेल से बाहर इलाज देने से सऊदी के शासक ने मना कर दिया था।