जनतंत्र डेस्क, Mumbai: शक्ति मिल परिसर में 22 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट से गैंगरेप मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने तीन दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि, ‘दोषी अपने किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा भुगतने के पात्र हैं।’
दरअसल, फांसी की सजा की मंजूरी के लिए राज्य सरकार की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। आपको बता दें, मुंबई सेशन कोर्ट ने 4 अप्रैल 2014 को फांसी की सजा सुनाई थी कोर्ट ने तीन दोषियों विजय जाधव कासिम बंगाली और सलीम अंसारी को फांसी की सजा सुनाई थी। तीनों दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। मुंबई हाई कोर्ट में जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान की बेंच ने दोषियों की फांसी को सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
कवरेज करने गई फोटो जर्नलिस्ट के साथ हैवानियत
यह मामला 22 अगस्त 2013 का है जब अपने एक साथी के साथ एक महिला फोटो जर्नलिस्ट शक्ति मिल परिसर में कवरेज करने गई थी। इस दौरान कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें रोक दिया और कहा इसके लिए पहले आपको परमिशन लेनी पड़ेगी। जिसके बाद वे लोग दोनों पत्रकारों को अंदर ले गए और उन पर हमला कर दिया। तकरीबन पांच लोगों ने पहले पत्रकार के साथी को बांधा उसके बाद पांचों ने महिला फोटो जर्नलिसेट के साथ एक के बाद एक रेप किया। करीब दो घंटे बाद पीड़िता और उसका साथी जैसे तैसे वहां से निकले और हॉस्पिटल पहुंचे।
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डॉक्टरों ने जब पीड़िता की हालत देखी तो मामले की सूचना पुलिस को दी। इस वारदात से पुलिस भी सन्न रह गई थी। आनन-फानन में पुलिस की कई टीमें गठित की गईं और 72 घंटे के भीतर आरोपियों को दबोच लिया गया। गिरफ्तार किए गए कुल पांच आरोपियों में से 3 पहले भी शक्ति मिल में ही एक और गैंगरेप की वारदात को अंजाम दे चुके थे।