जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में हालात बदतर होते जा रहे हैं। राजपक्षे परिवार वाली सरकार के खिलाफ लोग सड़क पर उतर आए हैं। श्रीलंका में गुरुवार की रात को भारी विरोध प्रदर्शन और झड़पें हुई हैं। जिसके बाद राजधानी कोलंबो में पुलिस तैनात कर दी गई है।
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कोलंबो में सरकार के खिलाफ 5 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विरोध में आवाज बुलंद की। भीड़ ने राजपक्षे के घर पर चढ़ने की भी कोशिश की। इस दौरान लोगों की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने इस मामले में 45 लोगों को अरेस्ट किया है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बस को भी आग के हवाले कर दिया। राजधानी की मुख्य सड़क को टायरों में आग लगाकर जाम कर दिया था। इस दौरान लोगों ने सेना की दो बसों और एक जीप में भी आग लगा दी।
कर्ज का बोझ, महंगाई से बेहाल
2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। कर्ज के बोझ तले दबे देश में दाने दाने की कीमत कई गुना बढ़ गई जिससे लोग बेहाल हैं। आक्रोशित हजारों लोगों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की।
वहीं, प्रदर्शन को श्रीलंका की मीडिया भी कवर नहीं कर पा रही। एक निजी टीवी नेटवर्क इस प्रदर्शन का लाइव प्रसारण कर रहा था जिसे तुरंत रोक दिया गया था। पत्रकारों का कहना है कि उन पर सरकार का दबाव है।
सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार
श्रीलंका में राजपक्षे परिवार की सरकार है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे देश के प्रधानमंत्री हैं और वो देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। जबकि छोटे भाई बासिल राजपक्षे देश के वित्त मंत्री हैं। सबसे बड़े भाई चमल कृषि मंत्री हैं वहीं उनके भतीजे नमल देश के खेल मंत्री हैं।
कोविड के बाद सरकारी कुप्रबंधन से हालात बदतर
कोविड की पहली और दूसरी लहर में श्रीलंका की पर्यटन इंडस्ट्री बूरी तरह ठप हो गई। इसके साथ ही सरकार के लगातार कर्ज लेने के कारण भी हालात ऐसे बने। मौजूदा समय में देश में डीजल के साथ साथ खाद्य पदार्थों की भारी कमी हो गई। डीजल की कमी के कारण 13 घंटे बिजली कटौती की गई। श्रीलंका कुल 51 अरब डॉलर के कर्जे में है और महंगाई दर 17.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है।