नई दिल्लीः कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों को गोद लेने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को अहम निर्देश दिए हैं, अदालत ने निर्देश दिया कि गैर सरकारी संगठनों द्वारा महामारी से प्रभावित बच्चों की पहचान का खुलासा कर फंड इकट्ठा करने और उन्हें गोद लेने के लिए इच्छुक लोगों को आमंत्रित करने से रोका जाए।
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अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई
शीर्ष अदालत ने पाया कि अनाथों को गोद लेने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को आमंत्रित करना कानून के विपरीत है क्योंकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीआईआरए) की भागीदारी के बिना ऐसी किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जस्टिस एल नागेश्वर और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा, ‘राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस अवैध गतिविधि में शामिल एजेंसियों या व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’
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गुप्ता ने बताया कि लोगों को अनाथों को गोद लेने के लिए आमंत्रित करने वाले कई विज्ञापन सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। सोशल मीडिया पर भी इस तरह के पोस्ट देखने को मिले हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि उनमें से ज्यादातर पोस्ट फर्जी थे।