नई दिल्ली: Taliban Government: अफगानिस्तान में तालिबान की अगुवाई में नई सरकार का गठन किया जा चुका है। सरकार में शामिल कई सदस्य पहले से ही यूएन की ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं। ऐस में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, तालिबान सरकार पर भारी दबाव के बाद वहां के अथॉरिटीज ने अमेरिका और अन्य देशों के वहां पर फंसे हुए करीब 200 नागरिकों को जाने देने पर राजी हुआ है।
यह भी पढ़ें- Bombay high court: जावेद अख्तर मानहानि केस में कंगना की मुश्किलें नहीं होंगी खत्म, बॉम्बे कोर्ट ने याचिका खारिज की
Taliban Government: पड़ोसियों की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक
काबुल में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान के पड़ोसियों की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी की। इस दौरान कुरैशी ने कहा कि भले ही युद्ध से थके हुए देश में स्थिति “जटिल और परिवर्तनशील” है, उसकी “नई वास्तविकता” को देखने के लिये दुनिया को अपना “पुराना नजरिया” छोड़ना होगा और एक “यथार्थवादी दृष्टिकोण” के साथ आगे बढ़ना होगा।
सरकार में कई मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों को जगह दी
तालिबान में जो सरकार बनी है उसकी कमान हबीतुल्ला अखुंजदा के हाथ में है। तालिबान की कट्टर अंतरिम सरकार में हक्कानी नेटवर्क का मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी देश के कार्यवाहक गृह मंत्री के तौर पर है। इसके अलावा 33 सदस्यों वाली सरकार में कई मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों को जगह दी गई है। पिछले माह डेनमार्क और नॉर्वे ने ऐलान किया था कि वो काबुल स्थित अपने दूतावास को बंद कर रहे हैं साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद अपने स्टाफ को भी दोनों देशों ने निकाल लिया था।
काबुल से चार्टर फ्लाइट्स टेकऑफ नहीं कर पा रही
तालिबान की तरफ से 200 अमेरिकी और दूसरे विदेशी नागरिकों को देश में रहने की मंजूरी दे दी गई है। ये लोग अभी अफगानिस्तान में ही है दरअसल अमेरिकी सेनाओं के रवाना होने के बाद से काबुल से चार्टर फ्लाइट्स टेकऑफ नहीं कर पा रही है अगस्त माह में तालिबान ने काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया था तब से ही अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स का डिर्पाचर नहीं हो पा रहा है। अमेरिका ने 124,000 विदेशियों और खतरे में पड़े अफगान नागरिकों को बाहर निकाला है।