“हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा” जानिए हिंदी दिवस के मौके पर कुछ खास बातें
दुनिया के कितने देशों में पढ़ाई जाती है हिंदी
पूर्व पीएम ने हिंदी दिवास मनाने की घोषणा की
2006 में हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की गई
नई दिल्ली- आज 10 जनवरी को दुनियाभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। लोग एक-दूसरे को आज हिंदी कविता, एसएमएस भेज रहे है। दुनियाभर में हिंदी भाषा काफी लोकप्रिय है। चलिए जानते आज हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी की कुछ खास बातें।
150 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का पठन-पाठन
बता दें की हिंदी दिवस मनाने की घोषणा पूर्व पीएम मनमोहन सिहं द्वारा की गई थी। 2006 में हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। हिंदी दुनिया के लगभग 30 से अधिक देशों में पढ़ाई जाती है। भारत के अलावा सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और नेपाल में भी हिंदी भाषा बोली जाती है। दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है, जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। वहीं अमेरिका में लगभग 150 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का पठन-पाठन हो रहा है।
2017 में हिंदी मीडियम नाम की फिल्म रिलीज हुई थी जिसमें निर्देशक साकेत चौधरी ने इस फिल्म के जरिए वर्तमान में हिंदी की दशा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बता दे कि इस फिल्म में इरफान खान और सबा कमर मुख्य किरदार है। हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर टिक नहीं पाई।
हिन्दी की बहुत सी ऐसे प्रसिद्ध कवि है जो हिंदी की कविताओं के लिए जाने जाते है जैसे कबीर, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला और सूरदास जी… और आज भी इन कवियों की कविताएं खूब लोकप्रिय है। हिंदी दिवस के मौके पर एक हिंदी की कविता हिंदी में…
हिंदी कविता
हिंदी हूं मैं वतन भी मेरा महान हिंदुस्तान है
हिंदी भाषा का नहीं गर्व जिसे क्या प्रेम देश से होगा उसे
वही वीर देश का प्यारा है हिंदी ही जिसका नारा है
हिंदी हूं मै, देश की आन हूं बान हूं शान हूं
जिसने हिंदी को अपनाया उसकी मैं पहचान हूं
हिंदुस्तान के माथे की बिंदी हूं, हां मैं हिंदी हूं
भाषा बिना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय ज्ञान
सब दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान
असंख्यक है इसके उपकार।
करो अपनी भाषा से प्यार।।
यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद
और तुम्हारे भविष्य को देगी सुभ संवाद
बनाओ इसे गले का हार ।
करो अपनी भाषा से प्यार।।
भरी-पूरी हो यही कामना हिंदी हैं
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधाना हिंदी है
सौत विदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है।
हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण
हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण
हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा ज्ञान
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान