नई दिल्ली (Traffic Police): अक्सर पुलिस को हमारे समाज में अलग नजरिये से देखा जाता है। कहा जाता है कि पुलिस कठोर और सख्त होती है। उन्में मानवीय संवेदनाएं नही होती है। फिल्मों में भी पुलिस को अक्सर खलनायक के रुप में दिखाया जाता है। लेकिन ऐसा कतई नही है। शनिवार रात गाजियाबाद पुलिस का मानवीय संवेदना देखने को मिली।
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आग का गोला बनी कार में से तीन लोगों को बचाया
दरअसल यातायात पुलिस के सिपाही अरुण कुमार शर्मा ने जान की परवाह न करते हुए आग का गोला बनी कार में से तीन लोगों को सुरक्षित निकाला। कार में सवार तीनों शक्स बिजनौर के रहने वाले है। वे तीनों दिल्ली से लौट रहे थे।
परिवार के लिए मसीहा बने अरुण
अरुण कुमार जान जोखिम में डाल पीड़ित परिवार के लिए मसीहा बन गये है। सोचिए कार में सवार लोगों को बचाने के लिए वे खुद आग की चपेट में झुलस गए। साथियों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से उन्हें रविवार सुबह ही छुट्टी दे दी गई। एसएसपी अमित पाठक ने सिपाही को 10 हजार रुपये पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की।
डिवाइडर से घिसटने के कारण कार पलट गई कार
घायल सिपाही ने घटना के बारे में बताया कि रात करीब 9:50 बजे एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई। जिसके बाद कार के एयरबैग खुल गए और इसमें सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए। इससे पीछे चल रही वेगनआर कार भी अनियंत्रित हो गई। जिसके बाद कार डिवाइडर से घिसटने के कारण कार पलट गई। इसके बाद कार में आग लग गई।
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