जनतंत्र डेस्क Turkey: तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस समेत कुल 10 देशों के राजदूतों “अस्वीकार्य” घोषित कर दिया है। यानी तुर्की इन राजदूतों को रखने के लिए अब तैयार नहीं है। तुर्की सरकार ने इन्हें Persona non grata करार दिया। जिसका मतलब अस्वीकार्य या प्रतिबंधित से है। तुर्की सरकार ने 10 देशों के लिए ये बड़ा कदम किसलिए उठाया ? इसका जवाब है इन देशों के राजदूतों ने तुर्की के जेल में बंद एक्टिविस्ट ओस्मान कवाला की रिहाई की मांग की थी। कवाला पिछले चार सालों से जेल में बंद हैं। उन पर विरोध प्रदर्शन के समर्थन और तख्तापलट की कोशिश के आरोप हैं, जो कि अभी तक साबित नहीं हो पाए।
कवाला के लिए 10 देशों की साझा मांग
अमेरिका, फ्रांस, फिनलैंड, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और स्वीडन के राजदूतों ने एक साझा बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने ओस्मान कवाला की तुरंत रिहाई की मांग की थी। ये सभी 10 देश तुर्की के नेटो सहयोगी भी हैं। इन सभी को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था। राष्ट्रपति अर्दोआन ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरे देशों से आकर राजदूत तुर्की के विदेश मंत्रालय को ‘आदेश देने का दुःस्साहस’ नहीं कर सकते। “मैंने हमारे विदेश मंत्रियों को जरूरी आदेश दिए हैं और बताया है कि क्या होना चाहिए। इन 10 राजदूतों को एक झटके में अस्वीकार्य घोषित किया जाना चाहिए।”
आरोपों से बरी फिर भी जेल में कवाला
64 वर्षीय ओस्मान कवाला को 2013 में देशव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े आरोपों से साल 2020 में बरी कर दिया गया था। लेकिन बाद में इस आदेश को पलट दिया गया और उसे 2016 में तख्तापलट के प्रयास से संबंधित आरोपों में शामिल कर दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों और मानवाधिकार समूहों ने बार-बार कवला के साथ कुर्द राजनेता सेलाहतिन डेमिर्तास की रिहाई का आह्वान किया है। वहीं, मानवाधिकारों के लिए यूरोप की प्रमुख संस्था काउंसिल ऑफ यूरोप ने भी तुर्की को यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के उस आदेश का पालन करने की आखिरी चेतावनी दी है, जिसमें कवाला को लंबित मुकदमे से मुक्त करने का आदेश दिया था।
क्या तुर्की पर भारी पड़ेगा फैसला
ओस्मान कवाला का मामला तुर्की और इसके पश्चिमी देशों के सहयोगियों के बीच तनाव की वजह रहा है। इस फैसले का तुर्की की अर्थव्यवस्था पर असर जरूर पड़ेगा क्योंकि अस्वीकार्य घोषित किए गए 10 राजदूतों के देशों मे से कुछ तुर्की के बड़े व्यापारिक सहयोगी हैं।