नई दिल्लीः हरियाणा में ब्लैक फंगस के दो अलग वरियंट पाए गए हैं, हिसार के अग्रोहा स्थित महाराज अग्रेसन मेडिकल कालेज की लैब में ब्लैक फंगस की दो अलग-अलग तरह के वेरियंट का पता लगाया है। इनका व्यवहार और उपचार दोनों अलग-अलग है। ब्लैक फंगस के ये वेरियंट दो अलग-अलग असपरजिलोसिस और न्यूकोरमाइकोसिस हैं.अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में इसके चार केस मिले हैं।
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हरियाणा :असपरजिलोसिस फंगस
बताया जा रहा है की असपरजिलोसिस फंगस काफी सुस्त होता है। इसके बढ़ने की प्रक्रिया अलग है, मगर यह न्यूकोरमाइकोसिस की तरह ही दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। असपरजिलोसिस फंगस में अलग तरह की दवाओं व इंजेक्शन का प्रयोग होता है जो मार्केट में मौजूद है। इसकी कोई कमी नहीं है। न्यूकोरमाइकोसिस फंगस की दवाओं और इंजेक्शन दोनों की भारी कमी है।
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ऐसे करती है नुकसान
अभी तक मेडिकल कॉलेज में सभी केसों को न्यूकोरमाइकोसिस फंगस मानकर ही उपचार दिया जा रहा था मगर अब दोनों प्रजातियों की पहचान कर उपचार दिया जा रहा है। ब्लैक फंगस हमारी नाक में प्रवेश कर साइनिस को ब्लॉक कर देती है। यह फंगस जिस नस को ब्लॉक करती है उसके टिश्यू तक खून पहुंचना रूक जाता है और वह भाग काला पड़ जाता है। यह फंगस मनुष्य के दिमाग तक भी पहुंच सकता है। अग्रोहा में भी ऐसे केस आए हैं जिसमें यह फंगस दिमाग तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा चुका है।