नई दिल्ली : उदयपुर (udaipur) – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भगवान निष्कलंक के अवतार की पहली कड़ी के अवतार भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। गाँधी जी पद चिन्हो पर चलना हम सबका नैतिक दायित्व है। यह बात सोमवार को उदयपुर शहर के शिवाजी नगर में आयोजित महात्मा गाँधी के पडदोहिते संजय अग्रवाल की पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम के दौरान महंत अच्तुनंद महाराज बेडेश्वर धाम गादीपति ने पगड़ी धारण करवाते हुए कही। महंत ने कहा महात्मा गांधी हमेशा से ही विश्व शांति के पक्षधर थे, और इसी कड़ी में महात्मा गांधी परिवार से जुड़े हुए संजय अग्रवाल भी उदयपुर और बागेश्वर में बनने जा रहे महात्मा गाँधी विश्व शांति की स्थापना के लिए पूरी ईमानदारी से सक्रिय है।
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साथ ही महंत ने कहा कि आज उनके पिताजी प्रताप नारायण के निधन के बाद आयोजित पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम में मैं उन्हें शुभकामनाएं प्रदान करते हुए आशीवार्द देता हूँ कि वह महात्मा गांधी के सन्देश व भगवान निष्कलंक की भविष्यवाणी सन्देश को पुरे विश्व में फैलाये। जो वो वर्तमान परिवेश में सत्य सिद्ध हो रही है।
महात्मा गाँधी की पुत्री का मेवाड़ कनेक्शन
समाजसेवी संजय अग्रवाल के दादा शंकर अग्रवाल का विवाह महात्मा गाँधी की पुत्री उमिया बहन के साथ अंतर्राजीय विवाह आंदोलन के दौरान आजादी के पूर्व हुआ था। इस विवाह में खुद गाँधी जी और कस्तूरबा ने कन्यादान किया था। गाँधी जी ने नवविवाहित दम्पति को आशीवार्द स्वरुप अपनी कुछ निजी वस्तुए भेंट की थी जो आज भी संजय अग्रवाल के पास सुरक्षित है जिन्हे वह आने वाले दिनों में विश्व शांति केंद्र के लिए समर्पित करेंगे।
गत दिनों हुआ था प्रताप नारायण अग्रवाल का निधन
महात्मा गाँधी के नवासे प्रताप नारायण अग्रवाल का निधन गत दिनों उदयपुर में हुआ था। वह बिरला समूह के साथ कई वर्षो तक जुड़े रहे और बैंकॉक की यूनिट के प्रधान संचालक थे। उनके निधन के बाद परिवार में शुद्धि क्रिया के बाद परिवार की अगली ज़िम्मेदारियाँ पगड़ी दस्तूर कर संजय अग्रवाल को सौंंपी गयी। अगली दस्तूर का कार्यक्रम महंत अच्युतानंद महाराज ने वैदिक परंपरा के अनुसार पूरा किया।