नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार कम करने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है. भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सरकार ने करप्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. और अब जमीन को लेकर मनमाने तरीके से कार्रवाई करते पाए गए 3 दोषी उप जिलाधिकारियों (SDM) को तहसीलदार के पद पर डिमोट कर दिया गया है. सरकार ने तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध किया।
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धांधली की शिकायत
बता दें, एसडीएम प्रयागराज रामजीत मौर्य जब मिर्जापुर में तहसीलदार थे, तब उन्होंने एक जमीन के मामले में नियमों को ताक पर रख मनमाने तरीके से फैसला दिया था. बताया जा रहा है कि यह जमीन कई एकड़ में है और करोड़ों की कीमत रखती है. जब धांधली की शिकायत की गई तो मामले की जांच हुई. इन्वेस्टिगेशन में रामजीत मौर्य को दोषी पाया गया।
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नियमों के विरुद्ध फैसला
इस दौरान दूसरा केस श्रावस्ती के एसडीएम जेपी चौहान का है. जब वह पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर तैनात थे तो एक जमीन के मामले में अपनी मर्जी से फैसला दे दिया था, जो नियमों के विरुद्ध था. यह जमीन भी करोड़ों की है। मामले की जांच में एसडीएम जेपी चौहान दोषी पाए गए.
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मुरादाबाद में SDM पर कार्रवाई
तो वहीं इस कड़ी में तीसरा मामला मुरादाबाद के एसडीएम अजय कुमार का है. जब वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में थे तो उस दौरान एक जमीन के केस में उन्होंने भी नियमों के खिलाफ कार्रवाई की. बताया जा रहा है कि अधिग्रहण के बाद भी इस जमीन को छोड़ने का काम किया गया, ताकि एक बड़ा व्यक्ति इसपर कब्जा कर सके।