नई दिल्ली: UP Jobs: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बंपर रोजगार देने का दावा करती रही और विपक्ष बेरोजगारी का मुद्दा उछाल रहा है। इस बीच कराए गए थर्ड पार्टी सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि बीते चार वर्ष में तीन लाख आठ हजार 331 एमएसएमई इकाइयों ने नौ लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार मिला है।
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मिशन रोजगार
सैंपल सर्वे में शामिल इन इकाइयों के आंकड़ों को औसत आधार मानते हुए दावा किया गया है कि सरकार के समन्वय से बैंकों ने कुल 55 लाख 45 हजार 147 इकाइयों को चार वर्ष में लोन दिया। इनमें डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। उत्तर प्रदेश में युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन रोजगार चला रहे हैं। विभागों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की पुष्टि के लिए सरकार ने औद्योगिक इकाइयों का भौतिक रूप से थर्ड पार्टी सर्वे कराया।
55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई में से तीन लाख आठ हजार 331 इकाइयां सैंपल सर्वे में शामिल थीं। इनमें नौ लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार मिलने की भौतिक रूप से पुष्टि हुई है, जबकि अभी 46 लाख 20 हजार 154 इकाइयों का सत्यापन होना बाकी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम के यूपी और उत्तराखंड संयोजक अजय गुप्ता कहते हैं कि आम तौर पर एक इकाई में चार से पांच लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है।
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लखनऊ रहा अव्वल
रोजगार देने में अव्वल रहा लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले चार वर्षों में सबसे ज्यादा रोजगार लखनऊ में मिला है। लखनऊ में एक लाख 23 हजार 87 उद्योगों में पांच लाख 58 हजार 108 लोगों को नौकरी मिली। दूसरे नंबर पर गाजियाबाद में 10 हजार 838 उद्योगों में 49 हजार 913, तीसरे स्थान पर गौतमबुद्धनगर में 4922 उद्योगों में 36 हजार 656, चौथे पर मेरठ में पांच हजार 485 उद्योगों में 31012, पांचवें नंबर पर फीरोजाबाद में 12 हजार 169 उद्योगों में 28852, छठवें क्रम पर गोरखपुर में 1139 उद्योगों में 25450 लोगों को रोजगार मिला।
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