जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: 1 जनवरी 2022 नए साल की पहली सुबह जब वैष्णों देवी मंदिर में चीख पुकार मच गई। पूरे देश से भक्त यहां माता के दर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन कुछ ही पलों में तस्वीर एक मंजर में बदल गई। ये मंजर वैष्णो देवी में भगदड़ का…जहां 12 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोगों के घायल होने की खबर है। हादसा 1 जनवरी की रात 2.45 बजे हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर के जश्न में डूबा था।
धार्मिक स्थलों में होने वाले ज्यादातर हादसे भगदड़ के होते हैं। वैष्णो देवी के अलावा इससे पहले भी देश के कई धार्मिक स्थलों में दर्दनाक हादसों की वजह भगदड़ थी। आपको बतातें हैं उन धार्मिक स्थलों के बारे में जहां भगदड़ के कारण लोग काल के गाल में समां गए।
1 जनवरी, 2022- माता वैष्णो देवी मंदिर
माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग घायल हुए। मृतकों के लिए 12 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान हुआ।
साल 2019- करुप्पासामी मंदिर, तमिलनाडु
21 अप्रैल को भगदड़ के कारण करीब 7 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 10 लोग घायल हुए थे। प्रधानमंत्री ने हादसे पर शोक जताते हुए मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया था।
13 अगस्त, साल 2018- गरीबनाथ मंदिर, बिहार
भगदड़ के कारण 15 लोग घायल हुए थे। हादसे की जांच में पता चला था कि भारी संख्या में दर्शन के लिए पहुंची भीड़ के कारण हादसा हुआ था।
साल 2017- सबरीमाला मंदिर, केरल
भगदड़ में 25 लोग घायल हुए थे। ये घटना 41 दिवसीय मंडला पूजा के समापन वाले दिन हुई थी।
साल 2008- श्रीनयना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
बिलासपुर जिले में श्रीनयना देवी मंदिर में 3 अगस्त को भगदड़ के कारण 145 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 150 लोग घायल हुए थे।
साल 2008- चामुंडा देवी मंदिर, राजस्थान
जोधपुर में पहाड़ी की चोटी पर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में 30 सितंबर को नवरात्र उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए थे।
26 जनवरी, साल 2005- मंधेर देवी मंदिर, महाराष्ट्र
भगदड़ में लगभग 350 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे। यहां भी भारी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे थे, तभी भगदड़ मच गई।