जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ सनातन धर्म को अपना लिया। आगरा के डासना मंदिर में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण करवाया। इसी के साथ वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कहलाएंगे। रिजवी डासना मंदिर पहुंचे और उन्होंने कहा जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है तो ये मेरी मर्जी है मै कौनसा धर्म अपनाऊं।
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डासना मंदिर में वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया जा रहा है। हवन-यज्ञ भी होगा। सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए जा रहे हैं। वसीम रिजवी के सनातन धर्म अपनाने पर महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने काह कि, रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे। उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए। इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था। उस दिन वसीम रिजवी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करके भी गए थे।
कुरान से 26 आयत हटाने की याचिका दायर की थी
वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के हैं। साल-2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगरसेवक चुने गए। 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में चेयरमैन बने। वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था।
‘मोहम्मद’ से फिर चर्चा में
हाल ही में वसीम रिजवी ने एक किताब ‘मोहम्मद’ लिखी थी। जिसके बाद वे मुस्लिमों के निशाने पर आ गए। मुस्लिम धर्म गुरूओं ने रिजवी की तीखी प्रतिक्रिया दी। जिसके बाद रिजवी ने बयान जारी कर कहा, कभी भी उनकी हत्या हो सकती है।
वसीम रिजवी के बारे में मुख्य बातें
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन
कुरान से 26 आयत हटाने की याचिका दायर की
रिजवी की किताब ‘मोहम्मद’ से पैगबंर की आलोचना का आरोप
हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करनावे की कही थी बात
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