नई दिल्ली : अधिकतर मानसून आने के बाद या बरसात के मौसम बिजली गिरने और कड़कने की घटना सामने आती है। वही इसे लोगों द्वारा आकाशीय घटना या प्राकृतिक आपदा मानते हुए चुप-चाप रहा जाता है । लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसमान से बिजली क्यों कड़कती है।
घर्षण से पैदा होती है बिजली
तो हम आपको बताते चलें कि आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है।
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सम्पर्क में आने पर चली जाती है जान
धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।
बॉडी हो जाती है डैमेज
आसमानी बिजली का असर ह्यूमन बॉडी पर कई गुना होता है। डीप बर्न होने से टिशूज डैमेज हो जाते हैं। उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। हार्ट अटैक होने से मौत हो जाती है। इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है।