World Heritage Day : “साझा संस्कृति, साझा विरासत और साझा जिम्मेदारी”
साझा संस्कृति, साझा विरासत और साझा जिम्मेदारी :World Heritage Day
दुनिया पर कोरोना का क़हर और ज़हर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना संकट के बीच कई पर्व त्यौहार बीतते जा रहे हैं। इसी बीच आज 18 अप्रैल यानी विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) है। विश्व धरोहर दिवस को हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया के सांस्कृतिक विरासतों, स्मारकों और स्थलों की विविधता और प्रासंगिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। दुनिया के कोने कोने में मौजूद धरोहरों की खासियत को लोगों तक पहुँचाना और उसके रख रखाव पर ध्यान देना है।
इस बार की थीम
इस बार विश्व धरोहर दिवस पर कोरोना का साया है। भारत की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां सभी ऐतिहासिक स्मारक 17 मार्च से बंद हैं। ऐसा पहली बार है कि 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस पर स्मारकों में पर्यटकों की चहलकदमी नहीं दिखेगी। दरअसल दिल्ली का लालकिला, कुतुबमीनार और हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल हैं। इस बार का विश्व धरोहर दिवस की थीम साझा संस्कृति, साझा विरासत और साझा जिम्मेदारी है।
विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत कब
इंटरनेशनल काउंसिल ओन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने 1982 में 18 अप्रैल को पहली बार विश्व धरोहर दिवस के रूप में घोषित किया था। उसी साल यूनेस्को ने भी इसे मान्यता दी। जिसके बाद हर साल इस दिन की अलग-अलग थीम होती है। यूनेस्को के अनुसार दुनिया भर में आज 1121 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स मौजूद हैं। इसमें 869 सांस्कृतिक, 213 प्राकृतिक और 39 दोनों के मिश्रण हैं। इस तरह से विश्व धरोहर दिवस हर साल अलग अलग थीम के साथ मनाया जाता है।
यह दिन कई मायने में ख़ास होता है। एतिहासिक दृष्टि से। इस तरह से ऐतिहासिक स्थलों को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखने के जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए भी खास है यह दिन। विश्व धरोहर ऐतिहासिक या पर्यावरण दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण होते हैं। ऐतिहासिक धरोहरों के रख रखाव और उसके मेटेनेंस और उसकी प्रसिद्धि के लिए बी खास है।
41 मोमबत्तियाँ 41 दिनों तक चलेगी : एएसआई
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा कि दीयों और मोमबत्तियों की विशेष रोशनी होगी। हलाकि, लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, पुराण किला और सफदरजंग का मकबरा रोजाना रोशन होता है,
लाल किले, कुतुब मीनार और हुमायूँ के मकबरे में, एएसआई ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए मोमबत्तियाँ और दीये जलाने का फैसला किया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का कहना है कि “एएसआई दिल्ली सर्कल भी लाल किला और कुतुब मीनार और हुमायूँ के मकबरे में कैंडल लाइटिंग समारोह में एक ‘दीया प्रकाश समारोह’ का आयोजन करेगा, जिसमें सभी ‘कोरोना वॉरियर्स’ जैसे स्वच्छता कार्यकर्ता, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और नागरिक प्रशासन के साथ हमारी एकजुटता व्यक्त की जाएगी,”
हुमायूं के मकबरे में, एएसआई 41 दिनों के लॉकडाउन अवधि के प्रतीक के लिए 41 मोमबत्तियां जलाएगा। यह भी निरूपित करेगा कि मानवता की एक मोमबत्ती अंधेरे से लड़ने के लिए पर्याप्त है।
“तो 41 मोमबत्तियाँ 41 दिनों तक चलेगी ताकि 41 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान कोरोना के साथ हमारी लड़ाई को चिह्नित किया जा सके”।