नई दिल्ली: आपने अब तक जुगाड़ की कार, बाइक और दूसरी मशीनों के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या आप कभी सोच सकते हैं कि जुगाड़ से हैलीकॉप्टर भी तैयार किया जा सकता है. जी हां राजस्थान के छोटे से शहर दौसा के रहने वाले एक शख्स ने ये बड़ा कारनामा कर दिखाया है.
अगर इरादे मजबूत और इच्छाशक्ति दृढ़ हो, तो इंसान कुछ भी कर सकता है. यूं तो इसपर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन ये सच है कि राजस्थान के एक छोटे से गांव के रहने वाले एक शख्स ने जुगाड़ से एक हेलिकॉप्टर बना दिया है. जी हां हाल ही में जुगाड़ के पार्ट्स से हैलीकॉप्टर बनाने वाला एक युवक इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. युवक का नाम है चेतराम गुर्जर. जिसने ये हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है.
राजस्थान के दौसा जिले में एक गांव है. नाम है आभानेरी. चेतराम गुर्जर इसी गांव के रहने वाले हैं. उन्होनें आईटीआई की पढ़ाई पूरी की है.. पढ़ाई के दौरान उन्होनें हैलीकॉप्टर बनाने का सपना देखा और आखिरकार उसे पूरा कर दिखाया. इसके लिए उन्होंने कई ल्यूज मोटर पार्टस खरीदे और बाइक का ईंजन को जोडकऱ हैलीकॉप्टर तैयार किया. पहली कोशिश में ये हैलीकॉप्टर उड़ नहीं सका फिर इसमें डीजल इंजन लगाया गया लेकिन फिर भी ये हैलीकॉप्टर नहीं उड़ पाया. बाद में चेतराम ने इसमें बाइक के दो ईंजन लगाए. जिस पर ये उड़ने लगा… चेतराम के मुताबिक ये हैलीकॉप्टर 20 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है.
चेतराम के इस जुगाड़ के हेलिकॉप्टर का नाम पवनपुत्र है. इसमें एक आदमी बैठ सकता है. हैलीकॉप्टर का वजन करीब 400 किलो है.. इसमें होंडा CBZ मोटरसाइकिल के दो इंजन लगाए गए हैं. थ्रेसर मशीन के चैन का उपयोग ईंजन से जोडकऱ पॉवर सप्लाई में किया गया है.. चेतराम ने खुद हैलीकॉप्टर के लिए बेबल गेयर, पेडिसल वियरिंग, लीवर और सीट तैयार कर उसे फिट किया. हेलीकॉप्टर की बॉडी लोहे की बनी है.. जिसपर फाइवर की परत लगाकर सजाया गया. बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर 20 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है.. इसमें 10 लीटर का पैट्रोल टैंक दिया गया है. इसे बनाने में करीब 10 रुपए का खर्च आया है. चेतराम इस हैलीकॉप्टर के जरिए सोशल मैसेज देने की भी कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उन्होनें हैलीकॉप्टर को तिरंगे के रंग में रंग दिया और उसपर मेरा भारत महान, मां तुझे सलाम, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान जैसे देशभक्ति के तमाम नारे लिखे हैं.
पवनपुत्र को लेकर सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात ये है कि इसे बनाने के लिए चेतराम ने अलग से ट्रेनिंग नहीं ली है. बल्कि उन्होनें यूट्यूब की मदद से ये कारनामा कर दिखा. हालांकि चेतराम का ये हैलीकॉप्टर बन तो गया है कि इसे उड़ाने के लिए सरकार की इजाज़त नहीं मिली. क्योकिं यह हैलीकॉप्टर उडडयन विभाग के कई मानकों पर खरा नहीं उतरता. इस पर चेतराम का कहना कि अगर राज्य सरकार उसकी मदद करे, तो वो इसे और बेहतर बना सकता है. और उनका सपना भी पूरा हो सकता है.