नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को कमजोर किए जाने के बाद अब घाटी में हालात सामान्य होने लगे हैं। हालांकि, अभी भी जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल तैनात है। वहीं, कर्फ्यू में थोड़ी ढील दे दी गई है। अब घाटी में स्कूल भी खुलने जा रहे हैं। घाटी में अभी भी धारा 144 लागू है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया था और बताया था कि आखिर घाटी में धारा 370 खत्म करना क्यों जरूरी था। पीएम ने कहा था कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है। किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है। कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं।
क्यों जरूरी था अनुच्छेद 370 खत्म करने का फैसला
पीएम ने कहा था कि इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों। धारा 370 को जम्मू-कश्मीर से खत्म करने का फैसला इसलिए जरुरी था, ताकि लोगों की बेहतरी के लिए बने कानून का लाभ देश के अन्य भागों के साथ घाटी के लोगों को भी मिले।
पीएम मोदी ने कहा था कि सफाई कर्मचारी एक्ट, दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून, अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट, श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मिनीमम वेगेज एक्ट जैसे कई कानून, जो कर्मचारियों अऊर आम लोगों की बेहतरी के लिए बनाये गए हैं, वो जम्मू-कश्मीर में लागु ही नहीं होते थे, जिसके कारण लोगों की दशा में दशकों बीत जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। यही वजह है कि सरकार ने घाटी से धारा 370 को खत्म करने का फैसला लिया।