नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हाटने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार घाटी में गए। उनके साथ विपक्षी दलों के नेता भी थे, लेकिन श्रीनगर एयरपोर्ट पर डेलिगेशन को रोक लिया गया, जिसके बाद डेलिगेशन को वापस भेज दिया गया।
बता दें कि घाटी के पुनर्गठन के बाद राहुल गांधी पहली यहां पहुंचे थे। हालांकि, उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट पर डेलिगेशन को रोक लिया गया, जिसके बाद डेलिगेशन को वापस भेज दिया गया। वापस लौटाए जाने के बाद डेलिगेशन के नेताओं का कहना है कि जब घाटी में सामान्य हालात होने के दावे किये जा रहे हैं, तो फिर क्यों विपक्षी नेताओं को घाटी जाने से रोका जा रहा है।
राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, शरद यादव, माजिद मेमन, मनोज झा और डी राजा आज घाटी के हालात का जायज़ा लेने श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन एयरपोर्ट पर उन्हें रोक लिया गया और उन्हें वापस भेज दिया गया। डेलिगेशन में शामिल गुलाम नबी आज़ाद ऐसे नेता हैं, जिन्हें लागातार तीसरी बार श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा है। वापस लौटाए जाने पर नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बता दें कि आज जब विपक्षी नेताओं का डेलिगेशन श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचा, तो उन्हें एयरपोर्ट पर पुलिसकर्मियों ने रोक लिया गया। इसके बाद नेताओं और मीडिया को अलग कर दिया गया। मीडिया ने विपक्षी नेताओं से बातचीत करनी चाही तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। इस बाबत राज्य प्रशासन का कहना है कि नेताओं के दौरे से हालात अस्थिर हो सकते हैं, जिसको लेकर इस तरह का कदम उठाया गया है।