नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण मुद्दे पर बयान देकर सियासत गर्मा दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए। वहीं, कांग्रेस ने संघ प्रमुख के बयान को आड़े हाथ लिया और कहा कि आरएसएस और बीजेपी पर दलित-पिछड़ा विरोधी है।
संघ प्रमुख ने कहा कि आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए। इससे पहले उन्होंने 2015 में भी आरक्षण को लेकर बोला था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोहन भागवत के बयान पर हमला बोला और कहा कि आरएसएस व बीजेपी पर दलित-पिछड़ा विरोधी है। सुरजेवाला ने कहा कि गरीबों के आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र व संविधान बदलने की अगली नीति बेनकाब हो गई है। गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छिनना, यही असली भाजपाई एजेंडा है।
बता दें कि भारत में इस समय अनुसूचित जाति को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसदी, ओबीसी यानी पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। बाकी बची 40.5 फीसदी नौकरियां सामान्य जातियों के लिए हैं।