नई दिल्ली: प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही अमीरी गरीबी की, उसे तो बस लगन चाहिए। इस बात को साबित किया है कानपुर में फल का ठेला लगाने वाले की 14 साल की बेटी संजना कश्यप ने। इसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हेपकीडो बॉक्सिंग में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
बता दें कि संजना ने इसी महीने की 2 तारीख को भूटान में हुई अंतर्राष्ट्रीय हेपकीडो बॉक्सिंग प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। संजना ने देश के 42 खिलाड़ियों के बीच सब जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। संजना ने नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की खिलाड़ियों को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई और भूटान की खिलाड़ी को मात देकर खिताब अपने नाम किया।
देश का नाम रोशन करने वाली संजना अब एशियाड के लिए तैयारी कर रही है और उसकी ख्वाहिश है कि देश के लिए और बड़े मंच पर खिताब जीते। संजना का जब नेशनल लेवल पर सेलेक्शन हुआ, तो उसके परिवार के सामने भूटान जाने के लिए बड़ा आर्थिक संकट था, लेकिन संजना की प्रतिभा को जानकर उसके कोच आजाद सिंह आर्थिक रूप से कमजोर संजना की ढाल बने और उसकी निशुल्क ट्रेनिंग दी।
संजना बेहद गरीब परिवार से आती है, उसके माता-पिता फल का ठेला लगाकर किसी तरह गुजर बसर करते हैं। संजना भी अपने परिवार की मदद करती है।
खेल में शुरु से ही रूचि
संजना अपने खेल में शुरु से ही काफी तेज थी। उसने नेशनल और स्टेट लेवल पर कई गोल्ड मेडल जीते। हालांकि, उसके माता-पिता भले ही उसकी आर्थिक रूप से उतनी मदद नहीं कर सके, लेकिन दूसरों के सहयोग से उसने कभी हिम्मत नहीं हारी।
जनतंत्र टीवी का जताया आभार
समाजसेवी व गूगल गोल्डन मैंन से मशहूर मनोज सिंह सेंगर ने जनतंत्र टीवी न्यूज का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने एक गुदड़ी के लाल की प्रतिभा की खोज कर देश व सरकार तक इस तरह की प्रतिभा को सबके सामने लाने का प्रयास किया।