Madhya Pradesh Politics : सिंधिया के BJP में शामिल होने की अटकलें, सभी मंत्रियों का इस्तीफ़ा
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश की राजनीति (MP Politics) में इन दिनों खासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) में जारी कलह अब खुलकर सामने आ गई है। अपनी उपेक्षाओं से नाराज़ एमपी के कद्दावर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अब अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरु जाने के बाद कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) अब मुश्किलों में घिरी नज़र आ रही है, वहीँ बीजेपी (BJP) की कोशिश कांग्रेस में जारी आंतरिक गुटबाज़ी का फायदा उठाने की है। अटकलें ये भी लगाई जा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
Madhya Pradesh Politics : कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों का इस्तीफ़ा
मध्य प्रदेश कांग्रेस में जारी कलह के बीच कल सीएम कमलनाथ (CM Kamal Nath) ने सभी मंत्रियों का इस्तीफ़ा ले लिया, जिसके बाद नया कैबिनेट बनाने का ऐलान किया गया है। जिन 17 विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का ऐलान किया है, उसमें 6 ऐसे विधायक है, जो कमलनाथ सरकार में मंत्री है। वहीँ इन सबके बीच सिंधिया कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में जुटे और कल देर रात तक उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के नेताओं से बात की। वहीँ आज अपने पिता माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) की पुण्यतिथि पर वो कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
क्यों कांग्रेस नेतृत्व से खफा हैं सिंधिया ?
मध्य प्रदेश की राजनीति में अपना अलग वर्चस्व रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बीते कुछ बयानों पर अगर गौर फरमाएं तो यह साफ होता है कि वह राज्य की कमलनाथ सरकार से खफा चल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमलनाथ सरकार से खफा चलने के जायज़ कारन भी है और वह कारण है सिंधिया का अपना राजनीतिक अस्तित्व।
मध्य-प्रदेश में चुनाव (MP Election 2018) के बाद सिंधिया को न तो मुख्यमंत्री (Chief Minister Madhya Pradesh) की कुर्सी मिली, न ही प्रदेश कांग्रेस (MP Congress President) की कमान। वहीँ मध्य प्रदेश की गुना सीट (Guna Lok Sabha constituency) से संसद का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंधिया 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में भी हार गए जिसके बाद अब सिंधिया का राजनीतिक अस्तित्व संकट में है।
तो क्या प्रियंका की एंट्री से बिगड़े एमपी कांग्रेस के हालात ?
सिंधिया को राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव (Rajyasabha Election 2020) से आस थी और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाया जाएगा, लेकिन राजनीतिक गलियों में जिस तरह से प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का नाम उछाला जा रहा है उससे सिंधिया की ये उम्मीद भी धूमिल होती नजर आ रही है। बता दें कि मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीट खाली हो रही है, जिसमें से दो राज्य सभा सीट पर कांग्रेस की जीत पक्की नजर आ रही है, वहीं एक राज्य सभा सीट बीजेपी के खाते में जाना तय हैं।
कांग्रेस के खाते में जाने वाली दो राज्यसभा सीटों में से एक राज्यसभा सीट के लिए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) प्रबल दावेदार है, वहीं दूसरी राज्यसभा सीट के लिए सिंधिया खुद को दावेदार मान रहे थे लेकिन दिग्विजय और कमलनाथ (Kamal Nath) का खेमा लगातार प्रियंका गांधी का नाम उछाल रहे है, जिससे सिंधिया को राज्यसभा में जाने की उम्मीद भी धुंधली होती नजर आ रही है।
BJP और Congress, दोनों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं
बता दें कि मध्यप्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था। राज्य की सत्ता में 15 सालों से काबिज रही बीजेपी को 109 सीटें हासिल हुई थी, जबकि कांग्रेस को 114 सीटें हासिल हुई थी। 230 विधानसभा सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में सरकार बनाने के लिए कुल 116 विधायकों की जरूरत होती है। मध्य प्रदेश में बसपा (Bahujan Samaj Party) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कमलनाथ सरकार चल रही है। ऐसी बात भी नहीं है कि मध्य प्रदेश भाजपा (Madhya Pradesh BJP) कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश ना कर रही हो।