नई दिल्ली: कांग्रेस का चुनाव प्रचार: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2022 की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पिछली बार प्रशांत किशोर की रणनीति ने कैप्टन को धमाकेदार जीत दिलाने में सफल हुई थी। लेकिन इस बार उन्हें कई चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक ब्रांड के रूप में उभारने में अहम भूमिका अदा की थी। अब पंजाब में चुनाव के लिए एक वर्ष से कम समय रह गया है। इस बार सरकार के सामने चुनौती होगी कि वह कैसे दोबारा लोगों का विश्वास हासिल करे।
कांग्रेस का चुनाव प्रचार: प्रशांत किशोर की पांच चुनौतियां
- पिछले चुनाव में तीन पार्टियां चुनाव मैदान में थी तो अब की बार चार पार्टियां होगी।
- 2017 में कांग्रेस ने किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने का वादा किया था। वह पुरा नहीं हुआ है।
- पिछले चुनाव में किया चार सप्ताह में नशा खत्म करने का वाद, जोकि पुरा नहीं किया है।
- हर घर में नौकरी देने का वाद, उस पर भी सवाल उठाए जा रहे है।
- बेरोजगारों को 2500 रुपये भत्ता देने का वादा किया था जो पुरा नहीं हुआ है।
प्रशांत किशोर रणनीति तैयार करेगे कांग्रेस के लिए
प्रशांत किशोर की नियुक्ति को लेकर सरकार ने अधिसूचना पहले ही दे दी है। प्रशांत किशोर सरकार से एक रुपया तनख्वाह के रूप में लेगे। उन्हे सरकारी आवास के अलावा अन्य सुविधाएं मिलेगी। ट्रेन में उन्हे एग्जीक्यूटिव क्लास से यात्रा की सुविधा मिलेगी। अगर वह हवाई यात्रा करेगे तो उन्हें मंत्रियों वाली सुविधाएं मिलेगी। पिछले वर्ष भी प्रशांत किशोर की कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जुडने की चर्चा हुई थी। उसी समय कैप्टन ने कहा था कि प्रशांत किशोर हमारी मदद करेगे। उस पर प्रशांत किशोर ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। उसके बाद उन्होने ने ट्वीट भी किया था।
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कैप्टन की विफलाए
भाजपा पंजाब के प्रवक्ता दीवान अमित अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन ने प्रशांत किशोर को अपना विशेष सलाहकार बनाकर अपनी और अपने मंत्रिमंडल की काबलियत पर सबसे बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है । पिछले वादे ना पुरा करके सरकार हर मोर्चो पर ही विफल साबित हुई है। आने वाले चुनाव में सलाहकारों की फौज भी बेकार साबित हो गाएगी।
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