नई दिल्ली : देश में बढ़ रहे कोरोना संकट को रोकने के लिए वैक्सीनेशन प्रकिया भी काफी तेजी से चल रही है। हालांकि इस प्रकिया के दौरान कई राज्यों से फर्जीवाड़े की खबरें भी निकलकर सामने आ रही हैं। जिसमें बिना वैक्सीन लगावाए मोबाइल पर टीका लगा हुआ दिखाई दे रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
देश में चल रहे टीकाकरण अभियान को संभाल रहे नेशनल हेल्थ अथारिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पिइले हफ्ते कई ऐसे लोगों को वैक्सीन लगने का मैसेज आया है जो अभी तक वैक्सीनेशन सेंटर पर गए ही नहीं हैं। जब ऐसी धोखाधड़ी के बारे में नेशनल हेल्थ अथारिटी को पता चला तो कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने ऑनलाइन वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टेशन तो किया था लेकिन किसी कारण वो वैक्सीन लेने नहीं पहुंचे। जिसके बाद भी उनके फोन पर मैसेज आया कि उनको टीका लग गया है। इस मुश्किल घड़ी में हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए नेशनल हेल्थ अथारिटी ने एक अहम कदम उठाया है।
Corona Third Wave कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
टीकाकरण फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
नेशनल हेल्थ अथारिटी के अनुसार अब जब कोई भी वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराएगा तो उसके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आएगा। अब उस ओटीपी को उस मरीज को उस वक्त भी कोविड़ सेंटर पर बताना होगा जब उसे वैक्सीन लगेगी। उसके बाद ही उसे वैक्सीनेशन का सार्टिफिकेट मिल पाएगा।
Corona Vaccine : कोविशील्ड और कोवैक्सीन में क्या है अलग, जानें अंतर विस्तार से
ये हो सकता है धोखधड़ी करने वालों का प्लान
आपको बता दें कि नेशनल हेल्थ अथारिटी को आशंका है कि जो भी लोग वैक्सीन को लेकर घपला कर रहै हैं शायद वो उस वैक्सीन को प्राइवेट अस्पताल में बेच दे रहे हैं। बता दें कि 18 से 44 साल के लोगों के लिए प्रति डोज कोविशील्ड 300 रुपये और कोवैक्सीन 400 रुपये में मिल रही है।