2019 में भारत सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसले
नई दिल्ली- वर्ष 2019 खत्म होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। लोग नए साल के जश्र की तैयारी में जुटे है और वर्ष 2020 के लिए नए रेजोल्यूशन (Resolution) बना रहे हैं। तो वहीं आपको बता दे कि भारत सरकार ने 2019 में कुछ ऐसे फैसले लिए जिन्हें 2019 के रेजोल्यूशन को पूरा करने की तरह ही मना जा सकता है। बता दे कि सरकार के द्वारा लिए गए इन फैसलों पर सालों से बहस छीड़ी हुई थी। लेकिन 2019 में मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले ऐसे ऐतिहासिक फैसले थे, जिन्हें यूं ही नहीं लिया जा सकता, फिर वो चाहें अयोध्या पर फैसला हो या तीन तलाक पर।
जानिए सरकार द्वारा 2019 में लिए गए 5 बड़े फैसले
बालाकोट हवाई हमला (Balakot AirStrike)
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर एक आत्मघाती हमला हुआ था। जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस घटना से देशभर में दुख और मातम का माहौल था, तो वहीं लोग सरकार से बदले कि मांग कर रहे थे, ताकि आतंकवाद को सबक सिखाया जा सके। जिस बीच 26 फरवरी को खबर आई कि भारतीय वायुसेना द्वारा 3 बजे बड़ी कार्यवाई की गई है।
जहां भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर 1000 किलो के बम गिराये। बता दें कि इस ऑपरेशन में एयरफोर्स के 12 मिराज फाइटर प्लेन शामिल थे। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को देशभर में सराहना मिली।
तीन तलाक (Triple Talaq) गैरकानूनी
25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद, 1 अगस्त 2019 में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीन तलाक पर कानून बन गया। जिसके तहत तीन तलाक गैरकानूनी हो गया है। इसी के साथ तीन तलाक के दौषी को 3 साल की सजा दी जाएगी जिसमें जुर्माने का भी प्रावधान शामिल है। वहीं इस कानून में पीड़ित महिला गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। तीन तलाक गैरकानूनी हो जाने के बाद मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली।
अनुच्छेद (370 Article 370) का खात्मा
केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को एक ऐसा फैसला लिया गया। जिसका अंदजा किसी को भी नहीं था। गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से हटाने का ऐलान किया, जिसके साथ ही 35A भी खत्म हो गया। जिससे जम्मू – कश्मीर अब एक विशेष राज्य नहीं रहा है। केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर को विभाजित करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम से दो नए केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण किया। बता दें कि जम्मू -कश्मीर में भारतीय संविधान पूर्ण रुप से लागू हो गया है।
अयोध्या मामला (Ayodhya Case)
अयोध्या मामले पर फैसला आना काफी आश्चर्यजनक रहा क्योंकि आयोध्या विवाद सालों – सालों तक सिर्फ बहस का ही मुद्दा बन कर रह गया था जिस पर या तो राजनीति की जा रही थी और या फिर न्यूज चैनलों पर गरम बहस का मुद्दा बना हुआ था। वहीं कहीं न कहीं आम लोगों ने भी यहीं मान लिया था कि अयोध्या मामला केवल बहस और चर्चा में ही उलझ कर रह जा जाएगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया दिया। इस फैसले में 2.77 एकड़ की जमीन रामलला विराजमान को सौंपी और अयोध्या में पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को आवंटित करने का निर्देश दिया। इस फैसले के दौरान जगह-जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
नागरिकता कानून (Citizenship Act)
2019 के शुरुआत में ही सरकार ने ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए जो कि हमेशा के लिए ही इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए हैं। वहीं 2019 के आखिरी महीने में भी ऐसा कानून बना दिया, जिस पर भारत के अलग- अलग हिस्सों में बवाल हो रहा है। बता दे कि 12 दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक, कानून बन गया। इस कानून के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रुप से प्रताड़ित किए गए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी। हालांकि नागरिकता कानून में मुस्लिमों का नाम न होने पर इसका विरोध किया जा रहा।