जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: असम में जहरीला मशरूम खाने के कारण एक हफ्ते में 13 लोगों की मौत हो गई है। मंगलवार को जहरीली मशरूम खाने से 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि चार लोगों ने सोमवार को जान गंवा दी थी। दरअसल छह अप्रैल को डिब्रूगढ़ के चराईदेव में लालतीपाथर गांव में जंगली मशरूम खाने के बाद महिला चाय बागान मजदूर और उनके बच्चों समेत कई लोग बीमार पड़ गए थे।
सभी पीड़ितों को डिब्रूगढ़ जिले के असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में भर्ती करवाया गया था। मरने वाले ज्यादातर लोग चाय बागानों में काम करते थे मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है।
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असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मंगलवार को नौ और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई। सोमवार को अस्पताल में चार लोगों की मौत हो गई थी। मौतों की पुष्टि करते हुए एएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ प्रशांत दिहिंगिया ने कहा कि पिछले पांच दिनों में ऊपरी असम के चराईदेव, डिब्रूगढ़, शिवसागर और तिनसुकिया जिलों से मशरूम के जहर के 35 मरीजों को एएमसीएच में भर्ती कराया गया था।
डॉ प्रशांत के मुताबिक, कुछ लोगों ने अपने घरों में जंगली जहरीले मशरूम का सेवन किया था और कुछ देर बात उन्हें उन्हें जी मिचलाना, उल्टी, पेट में तेज ऐंठन और सांस लेने में तकलीफ हुई।
मशरूम की जहरीली किस्में
डॉ प्रशांत दिहिंगिया ने कहा कि मशरूम के जहर के ज्यादातर मामले चाय बागानों के थे। हर साल चाय बागान क्षेत्रों से ऐसे मामले सामने आते हैं। लोग जहरीले मशरूम को खाने योग्य समझ लेते हैं, जिसे वे जंगल से उठाते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मशरूम के सेवन के बारे में जनता को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। बारिश के मौसम में ऐसे मामले आम हैं जब जंगलों में मशरूम खिलते हैं। खाने योग्य किस्म और जहरीली, दोनों एक जैसी दिखती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं।