नई दिल्ली : भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच आज विदेश मंत्री एस जयशंकर 4 दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना होंगे। अपने 4 दिवसीय रूस यात्रा में विदेश मंत्री मॉस्को में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे और उम्मीद की जा रही है कि चीनी समकक्ष के सामने एस जयशंकर LAC पर जारी तनातनी का मुद्दा उठा सकते हैं।
भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव पहुंचा चरम पर
भारत-चीन सीमा (India – China Border) पर इस साल मई से जारी तनाव अब चरम पर पहुँच गया है। बीते 15 जून को भारत (Indian Army) और चीन के जवानों (China Army) के बीच हिंसक झड़प के बाद अब LAC पर फायरिंग (Firing On LAC) की घटना सामने आई है। भारत और चीन के जवानों के बीच हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के भी कुछ जवान हताहत हुए थे, लेकिन फायरिंग नहीं हुई थी। लेकिन अब 40 साल बाद ये पहला मौका है, जब भारत-चीन सीमा पर फायरिंग हुई है।
विदेश मंत्री ने सीमा पर जारी तनाव को बताया ‘बहुत गंभीर’
वहीं चार दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना होने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत चीन सीमा पर जारी तनाव को लेकर कहा कि चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति को पड़ोसी देश के साथ समग्र रिश्तों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया और कहा कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श’ की जरूरत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष को दिया था दो टूक जवाब
गौरतलब है कि विदेश मंत्री के रूस दौरे से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस का दौरा किया था, जिसमें उन्होंने चीनी समक्ष के सामने सीमा पर जारी तनाव का मुद्दा उठाया था और कहा था कि भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आधिकारिक बयान के मुताबिक सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए।