नई दिल्ली- मोदी सरकार 2.0 अगले महीने पांच जुलाई को अपना पहला आम बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्तमंत्री का पदभर संभाल रही निर्मला सीतारमण संसद भवन में बजट पेश करेगी। प्रचंड बहुमत से दोबारा केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार के लिए काफी चुनौतियां है। केंद्र सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यस्था में जान फूंकने की होगी।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम!
अगले महीने के पहले हफ्ते में पेश होने वाले बजट से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट की माने तो देश की केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में व्यक्तिगत आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र ये कदम उठा सकती है।
रिपोर्ट की माने तो
रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार 2.0 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट में छोटे व्यापारी और नौकरीपेशे लोगों के लिए आयकर में छूट की सीमा को 2,50,000 रुपये साल से बढ़ाकर 3,00,000 साल करने पर विचारविमर्श कर रही है। हालांकि, इस फैसले पर केंद्र सरकार की तरफ से अंतिम मुहर नहीं लगाई गई है। करों में दी गई किसी भी तरह की छूट से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा, जिसकी वृद्धि दर इस साल वैसे भी काफी कम हो गई है, और साल के पहले तीन महीनों में 5.8 फीसदी के पांच साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।
बजट घाटे में भी बढ़ोतरी
बताते चले कि केंद्र सरकार द्वारा करों में किसी भी तरह की छूट से अर्थव्यवस्था पर काफी बोझ बोझ बढ़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर साल 2019 में कम होकर साल के पहले तीन महीनों में 5.8 फीसदी के पांच साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। अगर केंद्र सरकार आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाती है, तो देश के करोड़ों लोगों को कम से कम 2,500 रुपये की बचत होने की उम्मीद है। हालांकि, इससे बजट घाटे में भी बढ़ोतरी होगी