नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Coronavirus) का दुनिया के तमाम देशों समेत भारत में भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन (India Lockdown) के कारण जहाँ अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है, वही अब कोरोना ने सरकारी योजनाओं (Government Schemes) पर भी ब्रेक लगा दिया है। जी हाँ, सरकार ने 2021 तक किसी भी नई सरकारी योजनाओं को शुरू न करने का बड़ा फैसला लिया है। माना जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से हुए आर्थिक नुकसान (Lockdown Impact On Economy) की वजह से सरकार ने ये कदम उठाया है।
Government Schemes पर आर्थिक नुकसान का साया
कोरोना संकट में आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने आदेश जारी कर साल 2020-21 के लिए स्वीकृत सभी सरकारी योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से एक तरफ जहाँ जीएसटी (Goods and Services Tax) कलेक्शन धड़ाम हो चूका है, वहीं सरकार का खर्च बढ़ गया है। आय और खर्च में तालमेल बिठाने के लिए अब वित्त मंत्रालय ने आदेश जारी कर उन योजनाओं पर रोक लगा दी है, जो साल 2020-21 के लिए स्वीकृत या मूल्यांकन श्रेणी में हैं।
आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर ब्रेक नहीं
हालाँकि इस आदेश का आत्मनिर्भर भारत (Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ये योजनाएं जारी रहेगा। सरकारी आदेश में जहाँ विभिन्न मंत्रालयों को कोई नई योजना शुरू न करने के लिए कहा गया है, वही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा गया है। ऐसे में साफ़ है कि इन दोनों योजनाओं पर कोई रोक नहीं लगेगी।
सरकार को प्राप्त राजस्व और खर्च में बढ़ा अंतर
कोरोना संकट में सरकार को जबरदस्त आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां सरकार की विभिन्न स्रोतों से आय कम हो गई है, वही सरकार को कोरोना संकट से निपटने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। लेखा महानियंत्रक ((CGA) के रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 में सरकार को 27,548 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ, जो बजट अनुमान का 1.2% था। अप्रैल 2020 में ही सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किये, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था।