केंद्र सरकार का बड़ा फैसला , बदल दिया 65 साल पुराना अधिनियम , जानिए क्या होगा असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव होगा , जिससे किसानो को फायदा होगा। इसमें अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज जैसी कृषि उपज नियंत्रणमुक्त किये जायेंगे। वहीं अकाल और आपदा जैसी आसाधारण परिस्थतियों में ही स्टॉक या भंडारण सीमा लगाई जा सकेगी। इसके अलावा मार्केटिंग का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कृषि मार्केटिंग में सुधारों भी किया जायेगा।
कृषि उपज को ‘नियंत्रणमुक्त’
केंद्र सरकार ने अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज जैसी कृषि उपज को ‘नियंत्रणमुक्त’ करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ६५ वर्ष पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमोडिटी ऐक्ट) में संशोधन करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए यह कहा। नियम में संशोधन कर के खाद्य उत्पादों के उत्पादन और बिक्री को नियंत्रणमुक्त करने के साथ किसी भी उत्पाद पर स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।
केवन आपदा के समय स्टॉक सीमा
इन उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा मसलन अकाल जैसी आसाधारण परिस्थतियों में ही स्टॉक या भंडारण सीमा लगाई जा सकेगी। कोविड-19 महामारी के बीच सरकार ने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसी राहत पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रोगेसर्स और वैल्यू चेन के भागीदारों पर भी स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।
ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ेगा
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ‘अब ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू से आगे सभी फलों और सब्जियों तक किया जाएगा। इस तरह के विस्तार में परिवहन और भंडारण पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। मधुमक्खी पालकों के लिए बुनियादी ढांचा विकास को 500 करोड़ रुपये किया जायेगा।
किसानों को मार्केटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा
वित्त मंत्री ने किसानों को मार्केटिंग का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कृषि मार्केटिंग सुधारों की भी घोषणा की। जिसमे उन्होंने मछलीपालन, डेयरी विकास, औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती और मवेशी टीकाकरण के लिए नए कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘डेयरी प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, मवेशी चारा क्षेत्र में निवेश को समर्थन के लिए 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन संरचना विकास कोष स्थापित किया जाएगा।”
मवेशियों का होगा टीकाकरण
वित्त मंत्री ने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सभी मवेशियों को खुरपका- मुंहपका बीमारियों से बचाव के टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मछुआरों को 10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध काया जायेगा। हर्बल खेती को प्रोत्साहन के लिए 4,000 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौध कोष भी होगा। इसके तहत 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को इस तरह की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी बूटियों की खेती के तहत लाने का लक्ष्य है।