सिख धर्म Guru Gobind Singh की जयंती
- देशभर में मनाई जा रही है Guru Gobind Jayanti
- अमृतसर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई जयंती
- Guru Gobind आध्यात्मिक गुरु होने के साथ कवि भी थे
नई दिल्ली- आज गुरुवार को सिख धर्म के दसवें गुरु, गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) की जयंती है। देशभर के गुरुद्वारों में श्रद्धा और उल्लास के साथ गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जा रही है। लोग गुरुद्वारों में माथा टेक गुरुगोविंद सिंह को नमन कर रहें है। वहीं अमृतसर में स्थित गोल्डन टेंपल जाकर गुरु गोविंद सिंह के दरबार में दर्शन कर रहें है। गुरु गोविंद सिंह की जयंती प्रकाश पर्व के रुप में मनाई जाती है।
अमृतसर में कैसे मनाई गई जयंती
सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) की जयंती अमृतसर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान गुरुद्वारों में विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ शौर्य और साहस के प्रतीक गुरुगोविंद सिंह को नमन किया गया। वहीं, गुरुग्रंथ साहिब को पालकी पर विराजमान कर फूलों से सजावट की गई। रागी जत्थे ने साध-संगत को गुरबाणी और गुरमत विचारों से निहाल किया। सुबह नितनेम के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। श्रद्धालुओं ने अमृतसर के पवित्र सरोवर में नहाकर कीर्तन में भाग लिया।
कब और कहां जन्मे गुरु गोविंद
सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ। गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु गोविंद सिंह ने ही पूरा किया था। गुरु गोविंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे। वहीं बता दें कि गुरु गोविंद सिंह के उपदेश आज भी लोगों को काफी प्रेरणा देते हैं।
Guru Gobind Singh के प्रेरणादायी उपदेश
- अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे।
- जब आप अपने अदंर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
- मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
- ईश्वर ने हमें जन्म दिया हैं जिससे हम संसार में अच्छे कर्म करें और बुराई को दूर करें।
- इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
- अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं।
- अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
- असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून ईश्वर बहाता है।
- बगैर गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिलता।
- जितन संभव हो सके, जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहए।
- अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।