हंदवारा एनकाउंटर : जानिए शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की शौर्यगाथा
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ हुए जबरदस्त मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के पांच जवान शहीद हो गए हैं। इसमें एक कर्नल, एक मेजर, दो जवान और एक पुलिस अफसर शामिल हैं। इस दौरान जैश के दो आतंकी भी ढेर हुए हैं। हंदवारा के पूरे इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, वहीं हंदवाड़ा में अब भी एनकाउंटर जारी है।
जानिए पूरी घटना
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए जिस एनकाउंटर (Handwara encounter) में सेना के 4 जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं, उसमें लश्कर से दो आतंकी भी मारे गए हैं। इनमें से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-taiba) के टॉप कमांडर हैदर के तौर पर हुई है। दूसरे आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
एनकाउंटर में शहीद जवानों में कर्नल आशुतोष शर्मा का नाम शामिल है, जिनकी अगुआई में भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया है। कर्नल शर्मा लंबे समय से कश्मीर घाटी में तैनात थे। कश्मीर घाटी में तैनात श्रेष्ठ कमांडिंग अफ़सरों में कर्नल की गिनती थी। आतंकवाद के ख़िलाफ़ अभियान में हमेशा उन्होंने अपनी टीम का आगे रहकर नेतृत्व किया।
ऐसा ही हंदवाड़ा में भी हुआ। हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाक़े में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने साझा ऑपरेशन चलाया। इसमें सेना की राष्ट्रीय रायफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हुए। नागरिकों को आज़ाद कराने के लिए सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश व लांस नायक दिनेश और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर शकील क़ाज़ी आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए गए घर में घुसे।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकी घर में छिपकर फायरिंग कर रहे थे। आतंकियों ने घर में कई लोगों को बंधक बना रखा था। सेना को जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स के कर्नल आशुतोष शर्मा (Colonel Ashutosh Sharma), मेजर अनुज सूद (Major Anuj Sood), नायक राजेश और लांस नायक दिनेश घर में घुसे। उनके साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर शकील काजी भी थे। आंतकियों से चली लंबी मुठभेड़ में कर्नल समेत सभी जवान शहीद हो गए।
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
हालांकि जांबाजों ने शहादत से पहले नागरिकों को घर से सुरक्षित निकाल लिया था, मगर खुद देश पर कुर्बान हो गए। हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में आतंकियों की मौजूदगी का खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने शनिवार देर रात एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। इसमें सेना की राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हुए थे। आतंकियों ने वहा यह रहे नागरिकों को बंधक बना रखा था। कर्नल शर्मा की अगुआई में इन्हे सुरक्षित बाहर निकाला गया। कर्नल की टीम ने अपनी जान गवनेहुए आतंकियों के मनसूबे पर पानी फेर दिया।
दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं शहीद कर्नल
शहीद कर्नल शुतोष शर्मा की शौर्यगाथा शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है। 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष अपने आतंक विरोधी अभियानों में साहस और वीरता के लिए दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। शहीद आशुतोष कर्नल रैंक के ऐसे पहले कमांडिंग अफसर थे, जिन्होंने पिछले पांच साल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई हो।
इससे पहले 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कर्नल एमएन राय शहीद हो गए थे। उसके बाद , उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे।इस तरह से शहीद कर्नल आशुतोष ने अपनी अगुआई में देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
यूनिफार्म ही ‘ड्रीम’ था
कर्नल आशुतोष मूलतः बुलंदशहर के रहने वाले है। उनका बचपन बुलंदशहर की गलियों में बीता है। कर्नल अपने पीछे अपनी पत्नी और अपनी १२ साल की बेटी छोड़ गए हैं। उनका परिवार अभी जयपुर में रहता है जहाँ उनकी पत्नी कहती हैं कि कर्नल का ड्रीम बस उनका यूनिफार्म था , और पुरे घर को उन पर फक्र है। कर्नल की पत्नी , उनकी तस्वीर लिए बैठी नज़र आईं। कर्नल की बेटी बताती है “कि १ मई को आखरी बार पापा से बात हुई जब उनने कहा कि ऑपरेशन के बाद आकर कॉल करेंगे।”
बहादुर अधिकारी थे
सेना के अधिकारियों का कहना है कि ” कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में रहकर घाटी में तैनात थे और वह आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी के लिए दो बार सेना मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं। आतंकियों को सबक सिखाने के लिए वह जाने जाते थे।उनके साथियों ने बताया कि कर्नल आशुतोष अपने जूनियर्स के भी चहेते थे।
अधिकारियों ने बताया कि , “शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से अपने जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, जब एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब शर्मा ने बहादुरी का परिचय दिया था और आतंकी को काफी नजदीक से गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी शामिल थे।”
गौरतलब है कि आज यानी रविवार को आशुतोष शर्मा के अलावा, हंदवाड़ा एनकाउंटर में मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लायंस नायक दिनेश ने भी जान गंवाई हैं। एनकाउंटर को जारी रखते हुए भारतीय सेना ने लश्कर ए तैयबा के टॉप आतंकी को भी मार गिराया है