नई दिल्ली- हर वर्ग की निगाहें आगामी बजट पर है। छात्रों से लेकर सर्विस क्लास और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग सभी आस लगाए बैठे है कि इस बार के बजट में उनके लिए क्या कुछ खास होगा। ऐसे में बजट में education sector में क्या कुछ घोषणाएं हो सकती है। जानने की कोशिश करते है, इस रिपोर्ट में।
बजट की तैयारी शुरु
आगामी पांच जुलाई को पेश होने वाले मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार से देश की जनता को उम्मीदें भी दोगुनी है। छात्रों और शिक्षकों को इस बार बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस साल एजुकेशन सेक्टर में डिजिटल इंडिया की झलक दिख सकती है। वहीं कई छात्रों को एजुकेशन लोन में छूट और सरलता की भी उम्मीद है। छात्र चाहते हैं कि नियमों में छूट दी जाए और ब्याज दर में भी कमी हो।
शिक्षा में बदलाव की जरुरत
देश के कई हिस्सों में आज भी पुराने तौर-तरीके से पढ़ाई हो रही है, जिसमें अब बदलाव की बहुत ज़रुरत है। डिजिटाइजेश्न के इस दौर में बच्चे पीछे ना रह जाए इसके लिए सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में टेक्नोलॉजी ज़रुरी हो गई है। इसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर करते रहे हैं। इन सब के साथ सरकार स्किल और टेक्नोलॉजी पर भी फोकस बढ़ाएगी ऐसा भी छात्र उम्मीद कर रहे है।
अंतरिम बजट में क्या बोले थे पीयूष गोयल
अंतरिम बजट में शिक्षा के लिए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 38,572 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की थी। अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि 2018-19 में, बजट शिक्षा SC और ST के कल्याण के लिए 56,619 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 76,800 करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा अंतराष्ट्रीय बाल विकास योजना के लिए 27,584 करोड़ रुपये की योजना की पहल भी की गई।
शिक्षा व्यवस्था कितनी दुरुस्त होगी?
बताते चलें कि अंतरिम बजट में सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिए 93,847.64 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं, जो पिछले बजट आवंटन से 10 फीसदी ज्यादा है। जहां 2019-20 के लिए पेश अंतरिम बजट में उच्च शिक्षा के लिए 37,461.01 करोड़ रुपये और स्कूली शिक्षा के लिए 56,386.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अब देखना ये होगा की इस बार के पूर्ण बजट में शिक्षा के पाले में क्या कुछ आता है और शिक्षा व्यवस्था कितनी दुरुस्त होती है।