Birsa Munda की 144वीं जंयती
नई दिल्ली : बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की आज144वीं जंयती मनाई जा रही है। बिरसा मुंडा की जंयती पर जन्मस्थली अड़कि प्रखंड के अंतर्गत उलिहातू गांव में तैयारियां की गई है। गांव के लोगों में काफी उल्लास भरा हुआ है। बता दें कि झारखण्ड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इस साल प्रशासनिक स्तर पर कोई विशेष आयोजन नहीं किया जा रहा है। वहीं कल्याण विभाग के अधिकारी यहां पहुंचकर भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
पूजन कर Birsa Munda की प्रतिमा को नमन
शुक्रवार की सुबह बिरसा ओड़ा में स्थापित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर ग्रामीण आदिवासी रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना कि गई। सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा के वंशज का पूजन किया गया इसके बाद अन्य ग्रामीणों ने बारी-बारी से पूजन कर बिरसा मुंडा की प्रतिमा को नमन किया। प्रारंभ में कांसे के लोटे में जल भरकर आम के पत्तों से प्रतिमा पर शुद्ध जल का छिड़काव कर प्रतिमा का शुद्धीकरण किया गया। पूजा- करने के बाद शाम को गांव के अखरा में कार्यक्रम किया जाएगा, जिसमें आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल होंगे दूसरी ओर खूंटी कचहरी परिसर स्थित बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर जिला प्रशासन एवं राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग माल्यार्पण कर भगवान बिरसा मुंडा को नमन करेंगे। कचहरी परिसर में बिरसाइत धर्म मानने वाले आदिवासी महिला-पुरुष भी परंपरागत रूप से पूजा-अर्चना कर अपने पूर्वज धरती आबा को नमन करेंगे।
जन्मस्थली उलिहातू में विकास की लहर
चुनाव का समय आते ही लोग मुखर हो जाते हैं। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। भगवान बिरसा की जन्मस्थली उलिहातू में विकास पहले से काफी हद तक देखने को मिला है। करीब 20 फीट चौड़ी चमचमाती सड़क, और सड़कों के किनारे लगी सोलर लाइट लगाई गई है।
15 नवंबर को हुई थी झारखण्ड की स्थापना
आज ही के दिन यानि 15 नवंबर को भारत के 28वें राज्य की स्थापना हुई थी। आदिवासियों के नायक Birsa Munda का जन्मदिन भी आज के दिन ही मनाया जाता है। 15 नवंबर को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना था। भारत के राज्य झारखंड में सर्वाधिक जंगली क्षेत्र हैं, इसलिए इसका नाम झारखंड रखा गया। जिसमें झार जंगल को दर्शाता है तो खंड टुकड़ा को दर्शाता है। झारखंड अपने नाम के अनुसार ही मूल रूप से एक वन क्षेत्र है। इस राज्य में सबसे अधिक खनिज पाया जाता है।