नई दिल्ली : प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को उनके घरों तक पहुँचाने के लिए रेलवे (Indian Railway) ने भले ही ट्रेनों का परिचालन (Train Operation) शुरू कर दिया हो, लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी, रास्ता भटकने और ट्रेन में भूख-प्यास से मजदूरों की मौत को लेकर रेलवे की व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में आज रेलवे ने प्रेस कांफ्रेंस (Indian Railway Press Conference) कर इन मुद्दों पर सफाई पेश की। रेलवे ने कहा कि ट्रेनों के रास्ता भटकने और ट्रेनों के 9 दिनों में गंत्वय तक पहुँचने की खबर बेबुनियाद है। साथ ही रेलवे ने लोगों से यात्रा के दौरान कुछ सतर्कता बरतने की भी अपील की।
Indian Railway Press Conference – कोई ट्रेन रास्ता नहीं भटक सकती
प्रेस कांफ्रेंस में रेलवे ने साफ़ किया कि कोई भी ट्रेन रास्ता नहीं भटक सकती। रेलवे ने कहा कि कई बार तकनीकी कारणों से ट्रेन का रुट डाइवर्ट करना पड़ता है, इसका मतलब ये नहीं है कि ट्रेन रास्ता भटक गई। साथ ही रेलवे ने कहा कि ट्रेनों के लेट होने की खबर भी गलत है। 3840 ट्रेनें 72 घंटे से कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंची हैं, जबकि 4 ही ऐसी ट्रेनें है, जिसे गंतव्य तक पहुँचने में 72 घंटे से अधिक का समय लगा। रेलवे ने एक ट्रेन के 9 दिनों में गंत्वय तक पहुँचने की खबर को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि इस तरह की खबरें बेबुनियाद है।
रेलवे के प्रेस कांफ्रेंस की बड़ी बातें :
- अब तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल चुकी हैं
- 52 लाख से अधिक यात्री कर चुके हैं यात्रा
- बीते एक हफ्ते में 20 लाख लोगों ने की यात्रा
- 3 लाख प्रतिदिन के हिसाब से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया
- राज्यों की डिमांड के हिसाब से मुहैया करवा रहे हैं ट्रेनें
- ट्रेनों का रिजर्वेशन सिस्टम पहले जैसा
- ट्रेन से सफर के दौरान हुई मौतों की हो रही जांच
रेलवे की यात्रियों से ख़ास अपील
- गंभीर बीमारी का सामना कर रहे लोग ट्रेन की यात्रा से परहेज़ करें
- गर्भवती महिलाये, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और बुजुर्ग बहुत जरुरी न होने पर यात्रा न करें