ISRO की मदद से अंतरिक्ष में स्टार्टअप करेंगे देश के उद्यमी , केंद्र की बड़ी पहल
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। प्रधानमंत्री द्वारा देश को इस आर्थिक संकट से उबारने केे लिए 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान किया गया है। पिछले 3 दिनों पैकेज के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से विस्तार से जानकारी दी जा रही हैं। वित्त मंत्री की तरफ से निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका दिया जाने की बात कही जिससे अंतरिक्ष में देश के उद्यमी स्टार्टअप कर सकेंगे।
अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा पर ज़ोर
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, परमाणु ऊर्जा के अलावा अंतरिक्ष क्षेत्र पर ज़ोर देते हुए कहा कि “इंडियन एयर स्पेस के उपयोग पर लागू प्रतिबंधों को कम किया जाएगा। जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदार बनाया जा सकें। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष आधारित गतिविधियों में प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदार बनाया जाएगा। ISRO (Indian Space Research Organisation)की मदद से सैटेलाइट व अंतरिक्ष आधारित गतिविधियों में निजी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
अब रक्षा उपकरणों का निर्माण देश में होगा
सीतारमण ने राहत पैकेज की जानकारी देते हुए बताया कि, ‘भारतीय स्पेस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोला जा रहा है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भी स्टार्टअप की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी बढ़ाई जा रही है। वे भी सैटेलाइट लांच कर पाएंगी। निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका दिया जाएगा। इस काम में इसरो (Indian Space Research Organisation) कंपनियों की मदद भी करेगा।’
रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, ‘निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो की सुविधाएं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का इस्तेमाल करने की परमिशन दी जाएगी। निजी क्षेत्र के लिए ग्रहों की खोज- रिसर्च, बाहरी अंतरिक्ष यात्रा आदि के लिए भविष्य की परियोजनाओं में मदद की जाएगी।’