नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और घाटी से धारा 370 को खत्म करने संबंधी प्रस्ताव आज जब राज्यसभा में पेश किया गया, तो विपक्ष ने प्रस्ताव को लेकर जमकर बवाल काटा। बता दें कि सरकार के प्रस्ताव के अनुसार अब लद्दाख और जम्मू कश्मीर दो लग राज्य होंगे। लद्दाख, चंडीगढ़ की तरह बिना राजधानी वाला प्रदेश होगा और यहाँ केंद्र का शासन होगा, जबकि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह उप-राज्यपाल के हाथों में शक्तियां होंगी।
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य न बनाये जाने को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सवाल उठाये, जिसपर जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ़ किया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि घाटी में हालात के सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दे दिया जायेगा। अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि स्थिति सामान्य होते ही और सही समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। भले ही इसमें थोड़ा समय लग जाए लेकिन कश्मीर दोबारा एक राज्य बनेगा, एक दिन।
बता दें कि राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में महज़ 61 वोट पड़े। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को लोकसभा में भी पेश कर दिया गया है, जहाँ से वो आसानी से पास हो जायेगा। दो सदनों से पास होने और राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ये कानून बन जायेगा और जम्मू-कश्मीर में दशकों से चली आ रही धारा 370 खत्म हो जाएगी।