नई दिल्ली: ISIS-Khorasan: आतंकी संगठन तालिबान ने अपने कब्ज़े के बाद अफ़ग़ानिस्तान की पूरी तस्वीर बदल दी है। महिलाओ से बीच सड़क पर बरबर्ता, पुरषों से बन्दूक के दम पर लूट। अफ़ग़ान जमीं से कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जो बेहद ही खौफनाक है। तस्वीरों से साफ़ जाहिर होता है कि तालिबान कहता है कुछ और करता है कुछ और।
ISIS-K से जुड़े मामलों में तीव्रता
बता दें, काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए हमलों का मुख्य संदिग्ध अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (IS) से संबधित आतंकी संगठन है। जिसे इस्लामिक स्टेट खोरासान (ISIS-K) के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही के महीनों में ISIS-K से जुड़े हमलों की तीव्रता से कई देशों की चिंता बढ़ा गई हैं। आइसिस-के की शुरुआत छह साल पहले हुई थी। सत्ता और शासन की लड़ाई में ISIS-K का ये गुट तालिबान को अपना दुश्मन मानता है।
तालिबान छोड़कर आए लड़ाको को कमांडर बनाता है- खोरासान
दरअसल, खोरासान गुट तालिबान छोड़ने वाले लड़ाको को अपने संगठन में भर्ती करता है।साथ ही तालिबान छोड़कर आए लड़ाको को कमांडर बनाता है। ‘खोरासान’ उज्बेक, ताजिक, वीगर और चेचेन्या से युवाओं की भर्ती करता है। तालिबान के कब्ज़े के बाद खोरासान संगठन अफगानिस्तान में नया ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा है। ISIS-K संगठन का ‘अल कायदा’ से भी गठजोड़ है, इस गुट में अल कायदा से ट्रेनिंग ले चुके लड़ाके भी शामिल होते हैं।
खोरासान इस वक्त है सबसे ज्यादा सक्रिय
ईरान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान की सीमा पर खोरासान नाम के इलाके में 2012 में उग्रवादियों ने एक गुट बनाया था। 2014 में इस गुट का ISIS के प्रति झुकाव हुआ और वो इस्लामिक स्टेट की मुहिम में शामिल हो गए थे। ISIS के करीब 20 मॉड्यूल हैं, जिसमें सबसे खतरनाक ISIS-K यानी खोरासान संगठन है। दक्षिण एशिया में खोरासान का नेटवर्क सबसे मजबूत है। ISIS का खोरासान इस वक्त सबसे ज्यादा सक्रिय है। जिससे सीमा पर कई देशों की चिंता बढ़ती जा रही है।