नई दिल्ली : एक तरफ जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन (India Lockdown) के कारण लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीँ अब आम लोगों पर एक और आफत आ पड़ी है और वो आफत है टिड्डी (Locusts)। जी हाँ, सही सुना आपने, टिड्डियों का कहर (Locusts Attack India) यूपी (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) समेत देश के कई ने राज्यों में देखने को मिल रहा है, जिससे लोग परेशान हैं। टिड्डियों के कहर का सबसे ज्यादा खामियाज़ा किसानों (Farmers) को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी फसलें टिड्डियों की फौज चट कर जा रही है।
Locusts Attack India : झुंडों में यात्रा करते हैं ये कीड़े
टिड्डे कीड़े हैं और इन कीड़ों की ख़ास बात ये है कि ये अकेले यात्रा नहीं करते, बल्कि बड़े झुंडों में यात्रा करते हैं। इन कीड़ों का एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना हवा की गति के आधार पर तय होता है। जानकारों की मानें तो टिड्डे एक दिन में 150 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं। कहने को ये भले ही छोटे कीड़े हो, लेकिन ये कीड़े बड़े आर्थिक नुकसान का भी कारण बन सकते हैं। दरअसल टिड्डे फसलों को तबाह कर देते हैं और बड़ी कृषि क्षति का कारण बनते हैं, जिससे अकाल और भुखमरी तक हो सकती है।
बड़ी आर्थिक तबाही का कारण बन सकते है ये कीड़े
बड़ी संख्या में जब एक ही बार में टिड्डों की फौज फसलों किसी पौधे पर हमला करती है, तो पत्तियों, फूलों, फलों, बीजों, छाल और बढ़ते बिंदुओं को खा जाते हैं, जिससे पौधे नष्ट हो जाते हैं। जानकारों के मुताबिक के रेगिस्तानी टिड्डे का एक छोटा झुंड एक दिन में औसतन लगभग 10 हाथियों, 25 ऊंटों या 2,500 लोगों के लिए बराबर भोजन चट करता है। ऐसे में इन कीड़ों द्वारा बरपाये जाने वाले कहर का अंदाजा लगाया जा सकता है।
तबाहियों और आफतों से भरा साल 2020
टिड्डियों के कारण बड़े पैमाने होने वाले फसलों के नुकसान को लेकर राजस्थान और यूपी सरकार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन कीड़ों पर काबू पाने के लिए निर्देशित किया है, लेकिन इन कीड़ों पर काबू पाना इतना भी आसान नहीं है। पहले कोरोना वायरस का कहर और अब टिड्डियों का आतंक। देखा जाये तो साल 2020 तबाहियों से भरा पड़ा हैअम्फान तूफान की तबाही भी हाल ही में लोगों ने देखी है। अब देखना ये है कि इन आफतों से आम इंसान को राहत कब मिलती है ?