नई दिल्ली : केंद्र में दुबारा मोदी सरकार के गठन के बाद हर घर शुद्ध पेयजल पहुँचाने की योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। सरकार ने इस बार इस लक्ष्य को 2024 तक हासिल करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय का गठन भी किया है। वहीँ मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में भी हर घर शुद्ध पेयजल पहुँचाने की मोदी सरकार की योजना का जिक्र देखने को मिला।
भारत के ग्रामीण इलाकों में अभी भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग अब भी भू-जल को पेयजल के रूप में इस्तेमाल करने को विवश हैं। ऐसे में सरकार 2024 तक किस तरह हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाएगी ? ये एक बड़ा सवाल है।
मीडिया में आई जानकारियों के मुताबिक सरकार ने इसके लिए जो योजना बनाई है, उसके मुताबिक हर घर नल, हर नल जल’ के नारे के साथ ऐसे सभी परिवारों तक पाइपलाइन से जल आपूर्ति की जाएगी, जो अभी भी भू-जल को पेयजल के रूप में इस्तेमाल करने को विवश हैं।
सरकार की योजना जल संरक्षण की भी है, जिससे पेयजल आपूर्ति में किसी तरह का कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। जल एवं स्वच्छता विभाग के इस मिशन में बारिश के जल के जमीन के भीतर स्टोरेज और घरों में इस्तेमाल किए जल का फिर से खेती में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर बुनियादी ढांचे का निर्माण और वाटर मैनेजमेंट का काम मजबूत किया जाएगा।
हर घर शुद्ध पेयजल पहुँचाने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए सरकार ने जलशक्ति अभियान के लिए 256 जिलों के ऐसे 1592 ब्लॉक की पहचान की है जहां जल का संकट है। वित्त मंत्री ने देश भर में पावर ग्रिड की ही तर्ज पर एक ‘वाटर ग्रिड’ के विकास के लिए एक खाका पेश करने का वायदा किया है। यह मोदी सरकार के ‘एक देश, एक ग्रिड’ की अवधारणा के मुताबिक ही होगा।
‘वाटर ग्रिड’ के विकास का जो खाका सरकार ने खींचा है, वो अपने आप में अनूठी पहल है। ‘वाटर ग्रिड’ के विकास के जरिये जल संरक्षण कर ऐसे इलाकों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जिन इलाकों में गर्मी के मौसम में सुखा पड़ता है। हालाँकि अभी ये योजना अपने शुरूआती स्तर पर ही है, ऐसे में देखना ये होगा कि सरकार किस तरह इस योजना को प्रभावी ढंग से लागु कर पाती है।