नई दिल्ली- देशभर में कोरोना वारस को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। और इन्ही सबके चलते अब केंद्र सरकार ने राज्यों को ये निर्देश दिए हैं।
- शहरों में लोगों की आवाजाही को बंद करें।
- मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो, क्योंकि लॉकडाउन जारी है।
- केंद्र सरकार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गरीब, जरूरतमंद लोगों और दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे।
- सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि जो भी लोग घरों के लिए निकले हैं, उन्हें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें हेल्थ प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी जांच करने के बाद कम से कम 14 दिन के लिए क्वारंटीन सेंटर में रखें।
- सरकार की ओर से सभी नौकरी प्रदाताओं को निर्देश दिया गया है कि वे उनके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के वेतन दें।
- सरकार की ओर से सभी मकान मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उनके मकानों में रह रहे मजदूरों, कर्मचारियों और सड़क के रास्ते घर जा रहे लोगों से भी एक महीने का किराया ना लिया जाए।
- सरकार के निर्देश के मुताबिक अगर कोई मकान मालिक उनके मकान में रह रहे मजदूर या छात्र को जबरन घर खाली करने के लिए कहता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी कामगारों की आवाजाही हो रही है। ऐसे में निर्देश जारी किया गया कि राज्यों और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करना चाहिए।’ राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शहरों में या राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही नहीं हो। केवल सामान को लाने-ले जाने की अनुमति होनी चाहिए।
- अधिकारी ने बताया कि इन निर्देशों का पालन करवाने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की निजी तौर पर जिम्मेदारी बनती है।
- सरकार राज्यों को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान राजमार्गों या शहरों में लोगों की आवाजाही नहीं हो।
- सरकार के मुताबिक इन निर्देशों का पालन कराने के लिए डीएम, एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार बनाया जाएगा।